विज्ञापन

इन पत्तों को सिर्फ 1 महीने चबा कर खा लें, पेट की चर्बी पिघल कर निकल जाएगी बाहर

आप भी अपने मोटापे से हैं परेशान तो आज से ही शुरु करें ये काम. दावा किया जा रहा है कि इन पेड़-पौधों के पत्तों को सिर्फ 1 महीने चबा कर खा लेंगे तो  पेट की चर्बी पिघल कर निकल जाएगी बाहर.

इन पत्तों को सिर्फ 1 महीने चबा कर खा लें,  पेट की चर्बी पिघल कर निकल जाएगी बाहर

How to lose fat: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में वजन बढ़ना एक आम समस्या बन गई है। जिम जाना, डाइटिंग करना, या महंगे सप्लीमेंट्स लेना – ये सब तरीके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके किचन या बगीचे में ही कुछ ऐसे प्राकृतिक खजाने छिपे हैं जो वजन कम करने में मदद कर सकते हैं? जी हां, मैं बात कर रहा हूं कुछ खास पत्तों की, जैसे करी पत्ता, तुलसी, पुदीना, नीम, आम की पत्तियां और अश्वगंधा। ये पत्ते न सिर्फ हमारे पारंपरिक आयुर्वेद में इस्तेमाल होते हैं, बल्कि आधुनिक विज्ञान भी इनके फायदों की पुष्टि करता है। मैंने खुद इनमें से कुछ को अपनी रूटीन में शामिल किया है, और विश्वास मानिए, ये छोटे-छोटे बदलाव बड़े नतीजे दे सकते हैं. लेकिन याद रखें, ये कोई जादू की गोली नहीं हैं – इन्हें संतुलित डाइट और व्यायाम के साथ मिलाकर इस्तेमाल करना जरुरी है.  

Latest and Breaking News on NDTV

करी पत्ता: मेटाबॉलिज्म का बूस्टर और फैट का दुश्मन

करी पत्ता, जिसे हम कड़ी पत्ता भी कहते हैं, दक्षिण भारतीय व्यंजनों का अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वजन कम करने में कितना कारगर है? इसमें एल्कलाइन और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं और शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करते हैं और वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि करी पत्ता का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे कैलोरी बर्निंग की दर बढ़ जाती है। इसके अलावा, ये पत्ते डाइजेशन को सुधारते हैं, एसिडिटी कम करते हैं और डाइजेस्टिव एंजाइम्स को सक्रिय करते हैं, जो फैट को पचाने में मदद करता है। याद रखें कि ये detoxification भी करता है, यानी शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है, जो वजन बढ़ने का एक बड़ा कारण होता है। लेकिन ज्यादा मात्रा में न लें, क्योंकि ये थोड़ा कड़वा होता है और पेट में गर्मी पैदा कर सकता है.

Latest and Breaking News on NDTV

तुलसी: पाचन का साथी और फैट रिडक्शन का राज

तुलसी, या होली बेसिल, हमारे घरों में पूजा के लिए इस्तेमाल होती है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ कमाल के हैं। रोजाना खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्तियां चबाने से पाचन दुरुस्त होता है और अतिरिक्त फैट कम होता है। तुलसी में यूजेनॉल और अन्य कंपाउंड्स होते हैं जो मेटाबॉलिक स्ट्रेस को कम करते हैं, ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं और लिपिड प्रोफाइल को सुधारते हैं। ये पाचन को बेहतर बनाती है, ब्लोटिंग कम करती है और फैट के डाइजेशन को आसान बनाती है। एक रिसर्च में पाया गया कि तुलसी का सेवन इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करता है, जो वजन बढ़ने का मुख्य कारण होता है।

कल्पना कीजिए, सुबह उठकर तुलसी की कुछ पत्तियां चबाएं और दिन की शुरुआत से ही तरोताजा महसूस कर सकते हैं. मेरी मां तो सालों से ये कर रही हैं, और वो कहती हैं कि इससे न सिर्फ वजन कंट्रोल में रहता है, बल्कि स्ट्रेस भी कम होता है, जो इमोशनल ईटिंग को रोकता है. तुलसी मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है, जिससे कैलोरी बर्न तेज होती है, और ये डिटॉक्सिफिकेशन में भी मदद करती है. अगर आप डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं, तो ये और भी फायदेमंद है, क्योंकि ये ब्लड ग्लूकोज को नॉर्मलाइज करती है। लेकिन गर्भवती महिलाएं डॉक्टर से पूछकर ही लें, क्योंकि ये थोड़ा गर्म प्रकृति की होती है.

Latest and Breaking News on NDTV

पुदीना: डाइजेशन का चैंपियन और डिटॉक्स का मास्टर

पुदीना, या मिंट, गर्मियों का फेवरेट है, लेकिन ये साल भर वजन कम करने में मदद करता है। पुदीना पाचन सुधारता है, मेटाबॉलिज्म तेज करता है और डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसमें मेंथॉल होता है जो डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की मसल्स को रिलैक्स करता है, जिससे इंडाइजेशन, ब्लोटिंग और गैस की समस्या कम होती है। ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, फैट को ब्रेकडाउन करने में मदद करता है और शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है। एक स्टडी में पाया गया कि पुदीना का पानी पीने से डाइजेशन बेहतर होता है और वेट लॉस में सहायता मिलती है।

ये एपेटाइट को कंट्रोल करता है और अनहेल्दी क्रेविंग्स को कम करता है। पुदीना एंटी-इंफ्लेमेटरी भी है, जो सूजन कम करके वजन मैनेजमेंट में मदद करता है। इसके अलावा, ये हाइड्रेशन बढ़ाता है, जो वेट लॉस के लिए जरूरी है। लेकिन अगर आपको एसिड रिफ्लक्स है, तो ज्यादा न लें, क्योंकि ये कभी-कभी एसिडिटी बढ़ा सकता है.

Latest and Breaking News on NDTV

नीम: डिटॉक्स का राजा और कैलोरी बर्नर

नीम की पत्तियां कड़वी जरूर हैं, लेकिन फायदे अनगिनत। नीम की पत्तियों का जूस शरीर को डिटॉक्स करता है, फाइबर से पाचन मजबूत करता है और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे कैलोरी बर्न होती है। नीम में एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर होते हैं जो टॉक्सिन्स निकालते हैं और मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, इंसुलिन सिग्नलिंग को सुधारता है और फैट एक्यूमुलेशन को रोकता है।

नीम डाइजेशन को बेहतर बनाता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है और वेट लॉस को सपोर्ट करता है। लेकिन सावधानी बरतें – ज्यादा मात्रा में लीवर या किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लें।

Latest and Breaking News on NDTV

आम की पत्तियां: फ्लेवोनॉएड्स का खजाना और मेटाबॉलिक हीरो

आम की पत्तियां अक्सर नजरअंदाज की जाती हैं, लेकिन इनमें फ्लेवोनॉएड्स होते हैं जो मेटाबॉलिक एक्टिविटी को सुधारते हैं और फैट कम करने में मदद करते हैं। ये पत्ते एंटी-डायबिटिक और एंटी-ओबेसिटी गुणों से भरपूर हैं, जो फैट एक्यूमुलेशन को रोकते हैं। एक स्टडी में पाया गया कि आम की पत्तियों का एक्सट्रैक्ट ओबेसिटी मैनेज करता है और मेटाबॉलिज्म सुधारता है।

अगर आप आम के पेड़ के पास रहते हैं, तो ये ट्राई करें।  ये फाइबर से भरपूर हैं, जो डाइजेशन को बूस्ट करते हैं और वजन कंट्रोल में मदद करते हैं। लेकिन कच्ची पत्तियां ज्यादा न खाएं, क्योंकि ऑक्सलेट्स हो सकते हैं।

अश्वगंधा: स्ट्रेस बस्टर और फैट रिड्यूसर

अश्वगंधा की पत्तियां स्ट्रेस कम करती हैं और शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करती हैं। 3 पत्तियां कुचलकर गुनगुने पानी के साथ खाने से फायदा होता है। ये कोर्टिसोल लेवल कम करती है, जो वजन बढ़ाने का कारण होता है, और मसल मास बढ़ाती है। एक रिसर्च में पाया गया कि अश्वगंधा वेट मैनेजमेंट में मदद करता है।

मैंने इसे स्ट्रेसफुल दिनों में ट्राई किया, और लगा जैसे शरीर बैलेंस हो गया। ये मेटाबॉलिज्म बूस्ट करता है और फैट बर्न करता है। लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से बात करें।

इनका सेवन कैसे करें: आसान और सुरक्षित तरीके

  • सीधे चबाकर: तुलसी, करी पत्ता और अश्वगंधा की पत्तियां सीधे चबाकर खाई जा सकती हैं। सुबह खाली पेट 4-5 पत्तियां चबाएं, लेकिन धोकर। ये आसान है और तुरंत फायदा देता है।
  • जूस बनाकर: नीम और करी पत्ते को पानी में उबालकर जूस बनाएं। थोड़ा शहद मिलाकर पीएं, ताकि कड़वाहट कम हो।
  • पानी में उबालकर: करी पत्ता और पुदीने को पानी में उबालकर चाय बनाएं। लेमन मिलाकर पीएं, ये रिफ्रेशिंग और डिटॉक्सिफाइंग होता है।

महत्वपूर्ण बात: सावधानियां और सलाह

ये सभी पत्ते प्राकृतिक हैं, लेकिन हर किसी का शरीर अलग होता है। गर्भवती महिलाएं, बच्चे या कोई बीमारी वाले डॉक्टर से सलाह लें। ज्यादा मात्रा में न लें, क्योंकि नीम जैसी चीजें लीवर को प्रभावित कर सकती हैं। हमेशा ताजी पत्तियां इस्तेमाल करें और एलर्जी चेक करें। ये लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी घरेलू उपाय या जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। वजन कम करना एक यात्रा है, धैर्य रखें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close