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MP News: चर्म रोग दूर करने के लिए राजा भोज ने बनवाया था यह तालाब, ये है भोजताल की पूरी कहानी

Bhopal News: "तालों में ताल, भोपाल का ताल, बाक़ी सब तलैया" लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ताल के पीछे की कहानी क्या है और भोपाल के राजा भोज (Raja Bhoj) ने इसे कब बनवाया था, आइए हम आपको बताते हैं..

MP News: चर्म रोग दूर करने के लिए राजा भोज ने बनवाया था यह तालाब, ये है भोजताल की पूरी कहानी
Bhopal Lake History

Bhopal Lake: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. तालों के लिए प्रसिद्ध भोपाल का बड़ा तालाब बहुत फ़ेमस है. यहां दूर-दूर तक चारों ओर पानी दिखाई देता है और यह नज़ारा बेहद ख़ूबसूरत लगता है इसीलिए भोपाल (Bhopal's Lake View) पर कहावत भी लिखी गई है, "तालों में ताल, भोपाल का ताल, बाक़ी सब तलैया" लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ताल के पीछे की कहानी क्या है और भोपाल के राजा भोज (Raja Bhoj) ने इसे कब बनवाया था, आइए हम आपको बताते हैं..

राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में बनवाया था

भोपाल जिले के बीच में दो झील फेमस है. अपर लेक और डाउन लेक, ऊपरी झील मध्य भारत में सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक है. भोपाल का बड़ा तालाब परमार वंश के राजा भोज में 11वीं शताब्दी में नदी पर एक मिट्टी के बाद का निर्माण करके बनवाया था, इसे भोज ताल कहा जाता है. वहीं निचली झील का निर्माण 2 साल पहले मुख्य नदी के रिसाव से हुआ था.

एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है- बड़ा तालाब

भोज ताल जो आज बड़े तालाब के नाम से जाना जाता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण चर्म रोग दूर करने के लिए करवाया गया था, दरअसल एक बार राजा भोज त्वचा रोग से ग्रसित हो गए थे, उनके शरीर से मवाद और खून निकलता था, उसे ठीक करने के लिए लाख जतन किए लेकिन सारे प्रयास असफल रहे. ऐसे में एक दिन एक संत ने राजा से कहा कि वे 9 नदियों और नालों के पानी को जमा करके उसमें नहाएं, इससे त्वचा के रोग से राहत मिल जाएगी.

ऐसे हुआ था कलियासोत का निर्माण

वैध की बात सुनकर राजा ने अपनी वज़ीर कल्याण सिंह को यह काम सौंपा, आर्किटैक्ट ने श्यामला हिल्स से लेकर मंडीदीप, अब्दुल्लागंज, देवरिया डर, भीमबेटका की पहाड़ियों के बीच असंख्य जलस्रोत थे, इन जल स्रोतों से पानी इकट्ठा किया गया लेकिन 9 नदियों की संख्या पूरी नहीं हो पा रही थी, फिर भदभदा के पास से एक नदी खुदवाई गयी और उसे बेतवा से जोड़ दिया गया, जिसे कलियासोत का नाम दिया गया.

राजा भोज यहां नहाते थे

बेतवा नदी के जल स्रोतों को बड़ा तालाब पहुंचाने के लिए भोजपुर में एक बांध बनाया गया, श्यामला हिल्स और फतेहगढ़ की पहाड़ियों के बीच भी एक बांध बनाया गया, जो आज कमला पार्क के नाम से जाना जाता है, राजा भोज यहीं नहाते थे उनका चर्मरोग दूर हो गया.

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(Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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