
CARDIO Pulmonary Resuscitation : CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिस्टेशन) जब किसी व्यक्ति का दिल अचानक से दिल धड़कना बंद कर देता है या वह सांस नहीं ले पता तो उस सिचुएशन को कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) कहते हैं. और इस सिचुएशन में उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए आप उसकी छाती में हाथ रखके उसे बार-बार धक्का देते हैं जिसे सीपीआर (CPR) कहते हैं. ऐसा करने से कार्डियक अरेस्ट मरीज के दिल को फिर से चालू करने में मदद मिल सकती है और व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. सीपीआर आप सिर्फ कार्डियक अरेस्ट में ही नहीं बल्कि पानी में डूबने से,जहरीले गैस से या धुएं के कारण सांस रुक जाने पर भी तुरंत शुरू करने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.इसलिए सीपीआर देना हर इंसान को आना बेहद जरूरी है तो अब हम आपको बताएंगे कि किस तरह से सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकता है और इसे सीखना क्यों जरूरी है.
CPR आना क्यों है जरूरी?
एक व्यक्ति के लिए CPR सीखना और उसके बारे में जानना बहुत जरूरी होता है न सिर्फ अपनों के लिए बल्कि दूसरों की भी जान आप सीपीआर देकर बचा सकते हैं इसकी जरूरत सार्वजनिक स्थानों के साथ साथ आपके खुद के घर पर भी पड़ सकते हैं.आपको बता दें कि विदेशों में सीपीआर स्कूल एज से ही सिखाया जाता है लेकिन इंडिया में ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता. ऐसी स्थिति में लोगों को सीपीआर देना आना चाहिए.इसलिए जरुरी है कि आप इसे सीखकर कई लोगों की जान बचा सकते हैं.
कैसे देते है सीपीआर ?
अगर आप सीपीआर देने का अध्ययन कर रहे हैं तो आप इसे प्रेक्टिकल करके भी सीख सकते हैं दरअसल सीपीआर देने के लिए सबसे पहले तो आप यह देख ले कि व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं.अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है और उसकी सांस नहीं चल रही है तो उसको तुरंत अपने दोनों हाथों से सीपीआर देना शुरू कर दें. अपने दोनों हाथों को उसके दिल पर रखकर उसमें दबाव डालें और एक मिनट में 100 से 120 बार सीने पर पंप करें.30 पंप के बाद दो बार मुंह से मुंह में सांस दे.
सीपीआर में बेसिकली दो काम बहुत ध्यान में रखकर किए जाते हैं पहले व्यक्ति की छाती पर दबाव और दूसरा मुंह से सांस देना.जिसे माउथ टू माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं.इसे देने के लिए सबसे पहले व्यक्ति के सीने के बीचो-बीच अपनी हथेली रखें और जब आप पंपिंग करें तो एक हथेली के ऊपर दूसरे हाथ को रखकर अपनी उंगलियों को अच्छे से बांध ले और हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखें.उसके बाद छाती में पंपिंग करते हुए छाती को दबाए. ऐसा करने से उस व्यक्ति की रूकी हुई धड़कन फिर से शुरू हो जाएंगी.