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ग्वालियर की वो 18 दुकानें... जहां से भूलकर भी न खरीदना सामान, क्या है वजह ?

Gwalior : ऐसे में ग्वालियर के लोगों से अपील की गई है कि वे खाने-पीने की चीजों को खरीदते समय सावधानी बरतें और बंद की गई 18 जगहों से सामान भूलकर भी न खरीदें. 

ग्वालियर की वो 18 दुकानें... जहां से भूलकर भी न खरीदना सामान, क्या है वजह ?
प्रतीकात्मक

एक तरफ जहां त्योहारों के आते ही मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है. इसी के साथ एक और चीज़ में इज़ाफ़ा होने लगता है. वो है नकली मावे, घी, दूध-दही और मिठाइयों का कारोबार.... ! लेकिन प्रदेश में कुछ कारोबारी ऐसे हैं जिनके लिए मिलवाटखोरी 12 महीने का गोरखधंधा बन गया है. जहां कुछ दुकानदार चंद पैसों के लालच में मासूम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं. ऐसे ही एक मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले से आया है. जहां प्रशासन ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर सख्त कदम उठाए हैं. ग्वालियर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 18 फर्मों के ट्रेड लाइसेंस रद्द कर उनके कारोबार पर रोक लगा दी है. ये एक्शन कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर लिया गया है. बता दें कि इन फर्मों पर पहले से जुर्माना लगाया गया था लेकिन जुर्माने की राशि समय पर जमा न करने के कारण यह कठोर कदम उठाया गया है. ऐसे में लाइसेंस रद्द होने के बाद इन दुकानों को बंद करने का भी आदेश दिया गया है. अगर इनमें से कोई भी दुकानदार आदेश का मज़ाक उड़ाता है और सामान बेचना जारी रखता है तो उसके ऊपर एक्शन लिया जाएगा. इन्हीं सब के बीच ग्वालियर के लोगों से अपील की गई है कि वे खाने-पीने की चीजों को खरीदते समय सावधानी बरतें और प्रतिष्ठित दुकान से ही खरीदें.

दिवाली के टाइम लिए गए थे सैंपल

जानकारी के लिए बता दे कि दीवाली से पहले खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety Department) की टीमों ने मिलावटखोरी के खिलाफ खास अभियान चलाया था. इस दौरान किराना, डेयरी, बेकरी आदि से खाने की चीजों जैसे कि मावे, घी, दूध-दही और मिठाइयों के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए थे. जांच रिपोर्ट में नमूनों को फेल पाया गया जिसके आधार पर इन विक्रेताओं पर करीब 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.  हालांकि, जुर्माने की रकम तय समय में जमा नहीं की गई जिसके चलते 18 फर्मों के ट्रेड लाइसेंस रद्द कर दिए गए. इसे लेकर फूड सेफ्टी ऑफिसर लोकेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि इन फर्मों पर जुर्माना लगाया गया था लेकिन उन्होंने राशि जमा नहीं की.

जुर्माना न भरने वाली फर्मों और उनके जुर्माने की राशि इस तरह है:

  • शीतला डेयरी, पिंटो पार्क: ₹2 लाख
  • आनंद डेयरी, माधौगंज: ₹2.5 लाख
  • श्रीकृष्णा डेयरी, सीपी कॉलोनी: ₹2 लाख
  • हरियाणा डेयरी: ₹1.5 लाख
  • एफ एंड सी बेकरी, फूलबाग: ₹1 लाख
  • नानकसर इंडस्ट्रीज, टीपी नगर: ₹1.5 लाख
  • आकाश दूध डेयरी, लक्ष्मीगंज: ₹40,000
  • लक्ष्मण किराना स्टोर, मोतीझील: ₹1 लाख
  • एग्रो कास्टिंग इंडस्ट्रीज, वाराघाटा: ₹1 लाख
  • धनलक्ष्मी बेकर्स, पंचवटी कॉलोनी: ₹1 लाख
  • हरिकृपा डेयरी, मुरार: ₹1.5 लाख
  • सागर डेयरी, तारागंज: ₹2 लाख
  • मदनलाल पुत्र हीरालाल, दानाओली: ₹2 लाख
  • निर्मल होटल, जौरासी: ₹1 लाख
  • अंकल फार्मर एग्रो प्रोडक्ट, डीडी नगर: ₹1 लाख
  • पलक उद्योग, सैनिक कॉलोनी: ₹2 लाख
  • मां भगवती देवी मार्ट, मुरार: ₹35,000
  • पूजा स्वीट्स, सिटी सेंटर: ₹1 लाख

इन दुकानों के कारोबार पर लगी रोक

इन दुकानों के लाइसेंस रद्द करने के बाद उन्हें खाने-पीने की चीजों से जुड़ा कारोबार करने से रोका गया है. कलेक्टर रुचिका चौहान ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अगले आदेश तक ये  फर्में किसी भी तरह का खाने-पीने से जुड़ा कारोबार नहीं करेगी. आदेश का उल्लंघन करने पर एक्शन लिया जाएगा. मालूम हो कि प्रशासन की इस कार्रवाई का मकसद खान-पान की चीजों में मिलावटखोरी पर रोक लगाना है. कलेक्टर चौहान ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसे मामलों में आगे भी सख्त कदम उठाए जाएंगे.

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