Koriya News: छत्तीसगढ़ में बीजपी की सरकार हो या कांग्रेस की लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम चिरमिरी और वन विभाग के अधिकारियों की मौच है. पिछले 15 साल से अधिक समय से विभिन्न विभाग के अधिकारियों का तबादला नहीं हुआ है. जबकि हर साल प्रमोशन जरूर मिलता है. अब इसे लेकर लोगों में चर्चाएं भी होती है और कहा जाता है कि, वन विभाग में एक ही बात प्रसिद्ध है साहब की विभाग में खूब चलती है. उनसे पूछे बिना पूरा वन विभाग ही नहीं चलता. वन विभाग बैकुंठपुर के वर्तमान में रेंजर से डीएफओ पद पर पदस्थ हुए अखिलेश मिश्रा जिले में पिछले 18 साल से जमे हुए हैं. फारेस्टर से 10 साल तक रेंजर और अब एसडीओ से नेशनल पार्क के अस्सिटेंट डायरेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है.
वहीं, एसडीओ भले ही कोरिया वन मंडल के हैं. लेकिन इनका प्रभाव रायपुर तक है. यह खुद वन विभाग के बड़े अधिकारी भी कहे जाते हैं और कई बड़े अधिकारी भी साहब से ही जुड़कर रहना पसंद करते हैं. इसके साथ ही उनके ही अनुभवों से कुछ लाभ कमाने की कोशिश करते हैं. कोरिया जिले से लगे सूरजपुर जिले में भी वन विभाग में पर्याप्त हस्तक्षेप है. लोग बताते हैं कि एसडीओ सूरजपुर जिले के ओड़गी क्षेत्र के वन विभाग के कार्यों में खुलकर हस्तक्षेप करते हैं.
वन विभाग के कुबेर से पहचाने जाते हैं एसडीओ मिश्रा
ऐसी भी चर्चा है कि वन विभाग के इन साहब के द्वारा खरीदी गई सम्पत्तियों की लंबी फेहरिस्त है. चल अचल सम्पत्तियों के साथ ही नकद सम्पत्तियों के यह कुबेर माने जाते हैं. इनके द्वारा स्वयं और अपने परिजनों के नाम खरीदी गई सम्पत्तियों के लिए विभागीय अनुमति भी इनके पास है. वन विभाग के इन साहब के रिश्तेदार भी आज करोड़पति बन चुके हैं, लेकिन साहब के विरुद्ध जांच को कोई तैयार नहीं.
आयकर विभाग और सतर्कता विभाग भी है मौन
आर्थिक निगरानी सहित अर्थ अर्जन को लेकर सतर्क रहने वाले विभागों में भी एसडीओ की पकड़ गजब की है. दोनों विभाग भी इनके सामने मजबूर हैं. साहब की संपत्तियों की न तो जांच होती है और ना ही उनपर कार्रवाई ही. जिले में जमीन कहीं भी जिस दाम पर मिल रही हो उससे अधिक दाम वह भी कई गुना ज्यादा दाम देकर जमीन खरीदने को लेकर इनकी खासी ख्याति है. जिले में इनकी जमीन संबंधी संपत्ति में लगातार इजाफा हुआ है जो जग जाहिर भी है. कई बार कई मामलों में इनकी गलती सामने लाने पर भी उच्चाधिकारी मौन रहते हैं जबकि जिले में वन विभाग के अधिकांश काम निर्माण के यही स्वयं करते हैं.
जिला अस्पताल में 2004 से जमे हैं बीएमओ कुजूर
जिला अस्पताल बैकुंठपुर में पदस्थ डॉ एस कुजूर की पोस्टिंग 2004 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां में बीएमओ के पद पर हुई थी. 19 साल से बीएमओ खड़गवां में ही जमे हैं. कुछ समय के लिए इन्हें जिला अस्पताल बैकुंठपुर में पदस्थ किया गया था. इसके बाद उन्होंने अपना ट्रांसफर वापस खड़गवां करवा लिया. बीएमओ राजनीतिक पकड़ भी रखते हैं जिस कारण स्वास्थ्य विभाग में कई गड़बड़ी की जांच प्रभावित हुई है.
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20 साल से जनकपुर में हैं बीएमओ सिंह
भरतपुर ब्लॉक के जनकपुर में पदस्थ बीएमओ डॉ रमन सिंह 20 साल से जमे हुए हैं. अन्य डॉक्टर, स्टाफ बदल गए लेकिन बीएमओ का ट्रांसफर नहीं हुआ. दो दशक से ब्लॉक में सेवा दे रहे डॉक्टर राजनीतिक पहुंच भी रखते हैं. स्वास्थ्य विभाग से इनका ट्रांसफर लंबे समय से नहीं हुआ है. कारण बताया जाता है कि दुर्गम और ग्रामीण अंचल क्षेत्र होने के कारण अन्य डॉक्टर नहीं पोस्टिंग लेना नहीं चाहते.
नगर निगम में दो इंजीनियर, विभागीय प्रभारी दशकों से यहीं
नगर निगम चिरमिरी में दो इंजीनियरों समेत स्वच्छता, राजस्व समेत विभिन्न विभागों के प्रभारी दशकों से यही जमे हुए हैं. जिनका ट्रांसफर नहीं होता है. सालों से जमे ये अधिकारी चिरमिरी में ही जम गए हैं. इनमें से कुछ पुराने कर्मियों की नियुक्ति यहीं हुई थी और अब ऐसा माना जा रहा है कि इनका रिटायरमेंट भी यही से होगा. इंजीनियर साहू, निगम सचिव श्याम देशपाण्डे, उमेश तिवारी समेत कुछ प्रभारियों का ट्रांसफर किया गया था. लेकिन कुछ महीनों में वे चिरमिरी वापस लौट आए. इसी तरह नगर पालिका बैकुंठपुर के राजस्व विभाग की टीम सालों से यही जमी हुई है. आरआई कौशल यादव भी लंबे समय से नगर पालिका बैकुंठपुर में ही पदस्थ हैं.
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किस विभाग में कितने कर्मचारी सालों से जमे
स्वास्थ्य विभाग - 100 से ज्यादा
नगर निगम चिरमिरी - 50
नगर पालिका बैकुंठपुर - 8
शिक्षा विभाग कार्यालय कोरिया - 7
नगर पालिका चरचा - 4
जनपद पंचायत - 10
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