Vande Metro Trial: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने पिछले एक साल में लगभग 150 से अधिक सेमी हाई स्पीड श्रेणी की वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) का परिचालन शुरू किया. अब इसके बाद रेलवे ने वंदे मेट्रो सेवा (Vande Metro Services) की भी शुरुआत करने वाली है. 30 अप्रैल को रेलवे ने कम दूरी के बीच यात्रा सुगम बनाने के लिए इस खास मेट्रो सेवा के लिए पहली वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train) का अनावरण किया. बता दें कि यह खास मेट्रो सेवा की मदद से 250 किलोमीटर तक की दूरी तय करते हुए शहरी यात्रियों को आसान सेवा प्रदान करेगी. वंदे मेट्रो ट्रेनों के साथ यात्री 100 किलोमीटर से 250 किलोमीटर की दूरी तक शहर के भीतर यात्रा कर सकते हैं.
इस दिन शुरू होगा वंदे मेट्रो का ट्रायल (Vande Metro Trail Run Date)
सूत्रों की मानें तो वंदे मेट्रो ट्रेन का परीक्षण इसी साल जुलाई महीने में शुरू किया जा सकता है. इसके बाद इसके स्लीपर वैरिएंट का भी परीक्षण किया जाएगा. रेल मंत्रालय की योजना के अनुसार, देश भर के 124 शहरों को वंदे मेट्रो ट्रेन सेवा की मदद से आपस में जोड़ा जाएगा.
Another milestone in the history of Indian Railways!
— G Kishan Reddy (Modi Ka Parivar) (@kishanreddybjp) May 2, 2024
First Vande Bharat Metro rolls out from Rail Coach Factory Kapurthala, Punjab.
With the introduction of the Vande Bharat Metro, railways are set to usher in a new era of modern transportation for commuters. pic.twitter.com/jjf8Zq3Tb6
वंदे मेट्रो ट्रेन रूट (Vande Metro Train Route)
जानकारी के अनुसार, शुरुआत में वंदे मेट्रो ट्रेनों को चेन्नई-तिरुपति, भुवनेश्वर-बालासोर, आगरा-मथुरा, दिल्ली-रेवाड़ी और लखनऊ-कानपुर रूटों पर चलाया जाएगा. चेन्नई से अरक्कोणम रूट फाइनल होने के बाद तमिलनाडु में कनेक्टिविटी का विस्तार होगा.
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वंदे मेट्रो की खास बातें (Vande Metro Train Features)
वंदे मेट्रो ट्रेन की अगर खास विशेषताओं के बारे में बात करें तो इसे हाई टेक लोकल ट्रेन भी कहा जा सकता है. क्योंकि इसमें बैठने की व्यवस्था लोकल ट्रेन की ही तरह है, लेकिन यह पूरी तरह से एसी होगी. साथ ही इसमें लगे सीट अधिक आरामदायक होंगे. इसके साथ ही पूरे ट्रेन में सीसीटीवी कैमरा और कई जगहों पर चार्जिंग प्वाइंट भी दिए गए है. मौजूदा मेट्रो सेवाओं की ही तरह इसमें इमरजेंसी टॉकबैक की भी सुविधा होगी.
ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे भी लगे होंगे, जो सुरक्षा की दृष्टि से काफी अहम माना जा सकता है. एक ट्रेन में कम से कम 12 कोच लगे होंगे. शुरूआती तौर पर 12 कोच वाली 12 वंदे मेट्रो को संचालित किया जाएगा. जिसे, रूट की मांग के अनुसार बढ़ाकर 16 कोच वाली ट्रेन भी बनाया जा सकता है.
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