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This Article is From Apr 09, 2024

41 साल पहले PM नरेंद्र मोदी ने लिखी थी कविता...अब हो रही वायरल, ऐसा क्या है खास उसमें?

PM Modi Poem on Adivasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही आदिवासी जनजीवन से बहुत प्रभावित रहे हैं. आज से 41 साल पहले उन्होंने 'मारुति की प्राणप्रतिष्ठा' नाम से एक कविता लिखी थी. इसमें उन्होंने आदिवासी समुदाय की परेशानियों के बारे में बताया था.

41 साल पहले PM नरेंद्र मोदी ने लिखी थी कविता...अब हो रही वायरल, ऐसा क्या है खास उसमें?
पीएम मोदी की ये कविता हो रही है वायरल

Narendra Modi Poem: कई लोग जानते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लिखने के बहुत शौकीन है. उनके द्वारा 1983 में लिखी गई एक कविता के कुछ अंश सोशल मीडिया पर अभी वायरल हो रहे हैं. वो भी तब, जब वह लगातार देश के आदिवासी समुदाय (Tribal Society) के पास जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. 'मारुति की प्राण प्रतिष्ठा' शीर्षक कविता के जरिए पीएम मोदी ने आदिवासियों की स्थिति और संघर्षों को समझाने की कोशिश की थी. इस कविता की कुछ पंक्तियां एक्स पर मोदी आर्काइव हैंडल (Modi Archive Handle) से सबसे पहले शेयर की गई. यही से इस पोस्ट के वायरल होने का सिलसिला शुरू हुआ.

इस खास परिस्थिति में लिखी थी कविता

दरअसल, नरेंद्र मोदी ने इस कविता को जिस परिस्थिति में लिखा, वह बड़ा दिलचस्प था. 'मारुति की प्राण प्रतिष्ठा' शीर्षक वाली इस कविता का एक अंश जो नरेंद्र मोदी के द्वारा हस्तलिखित है, उसकी प्रति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खूब शेयर की जा रही है. बता दें कि 41 साल पहले जब नरेंद्र मोदी ने यह कविता लिखी, तब वह आरएसएस (संघ) के एक स्वयंसेवक थे. उन्हें दक्षिण गुजरात में एक हनुमान मंदिर की 'प्राण प्रतिष्ठा' में भाग लेने के लिए बुलाया गया था.

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रास्ता लंबा था और कई किलोमीटर तक कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आ रहा था. गांव के रास्ते में उनकी नजर धरमपुर के आदिवासियों पर पड़ी, जो संसाधनों की कमी के कारण परेशानी में जीवन यापन कर रह रहे थे. उनके शरीर काले पड़ गए थे. मोदी ने अपने जीवन में पहली बार यह नजारा देखा था. इससे वह बहुत परेशान हुए और सहानुभूति और करुणा से भरकर बहुत प्रभावित हुए. घर जाते समय उन्होंने आदिवासियों की स्थिति और उनके संघर्षों के बारे में 'मारुति की प्राण प्रतिष्ठा' शीर्षक से यह कविता लिखी.

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इन मंदिरों में आज भी आदिवासी करते हैं पूजा

बता दें कि गुजरात के धरमपुर में स्थित भावा भैरव मंदिर, पनवा हनुमान मंदिर, बड़ी फलिया और कई हनुमान मंदिरों में आज भी आदिवासी समुदाय ही पूजा करते हैं. नरेंद्र मोदी कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि वह अपने 'वनबंधु' दोस्तों के साथ धरमपुर जंगल का दौरा करते थे. इस दौरान वह भगवान हनुमान की मूर्तियां स्थापित करते थे और छोटे मंदिर बनाते थे.

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