![Chhattisgarh: इन दिनों महुए की हो रही बरसात, ग्रामीणों के लिए कमाई का अच्छा स्रोत बन रही यह वनोपज Chhattisgarh: इन दिनों महुए की हो रही बरसात, ग्रामीणों के लिए कमाई का अच्छा स्रोत बन रही यह वनोपज](https://c.ndtvimg.com/2024-04/79ugeh7_mcb-mahua-flowers_625x300_09_April_24.jpg?downsize=773:435)
Mahua Flowers of Chhattisgarh: एमसीबी जिले में अभी का मौसम कई लोगों के लिए कमाने का साधन बना हुआ है. इन दिनों आदिवासी अंचल (Tribal Area) में प्रकृति लोगों के रोजगार का एक अच्छा साधन बनी हुई है. ग्रामीण एक खास मौसमी फूल बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. दरअसल, फरवरी के आखिरी हफ्ते से अप्रैल के लगभग दूसरे हफ्ते तक महुआ के पेड़ (Mahua Tree) पर फूल आते हैं. महुआ का यह सीजन (Mahua Season) ग्रामीणों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता. इस मौसम में ग्रामीण सुबह पांच बजे से ही जंगल में पहुंच जाते हैं, जहां पेड़ के नीचे बिखरे महुआ के फूल (Mahua Flowers) को चुनकर इकट्ठा करते हैं. सूखे हुए महुआ के फूलों को ग्रामीण अच्छे दाम पर बेचते हैं जिससे उनकी अच्छी कमाई हो जाती है.
आदिवासियों के लिए त्यौहार है यह मौसम
आदिवासी समुदाय में महुआ सीजन किसी पर्व से कम नहीं होता है. महुआ जब पेड़ों से टपकना शुरू होता है, तो रोजगार के लिए बाहर गये लोग भी वापस घर लौट आते हैं. इस तरह से भी यह सीजन ग्रामीणों के लिए बहुत खास होता है. आदिवासियों का पूरा परिवार मिलकर महुआ फूल का संग्रहण करता है. सुबह से ही परिवार के सभी लोग टोकरी लेकर महुआ बीनने खेतों और जंगलों की ओर निकल पड़ते है.
![Dry Mahua Flowers Dry Mahua Flowers](https://c.ndtvimg.com/2024-04/nqkdejoo_mahua-flowers-_625x300_09_April_24.jpg)
Dry Mahua Flowers
महुआ चुनते हुए गाते हैं ये गाना
रात में 'बियारी करके इतै खेत में आ जात और रात में यदि न तकिए तो जंगली जानवर महुआ खा जाते हैं'. यह लोकगीत इस मौसम में सबसे ज्यादा सुनाई देने लगता है. हर घर के सभी लोग महुआ जमा करने के लिए बाहर निकलते है फिर भी पूरा जमा नहीं कर पाते हैं.
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Tribals Picking up Mahua Flowers
क्विंटलों में जमा होता है महुआ
यहां के ग्रामीणों का कहना है कि हर साल इस मौसम में वह पांच से आठ क्विंटल सूखा महुआ जमा कर लेते है. बाद में इसे वह 25 से 30 रुपये प्रति किलो की दर से व्यापारियों को बेच देते है. उनका कहना है कि यह खेती पूरी तरह से प्राकृतिक और बिना लागत वाली होती है. एमसीबी जिले के जंगली व आदिवासी क्षेत्रों में देशी शराब निर्माण भी आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है.
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उपयोगी है महुआ
किसानों के लिये महुआ बैलों, गायों और अन्य कृषि उपयोगी पशुओं को तंदुरुस्त बनाने वाली सबसे कीमती दवा है. कई आदिवासी अंचलों में महुए के लड्डू और कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं. कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रीय व्यंजन जैसे महुए की खीर, पूरी और महुए वाला चीला ये आदिवासी संस्कृति के खास व्यंजन हैं.
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