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PM Modi at NDTV: 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 सीटें हासिल करने के बाद संविधान बदलने के आरोपों का सामना कर रहे पीएम मोदी ने एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में खुल कर बात की. इन आरोपों को नकारते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में ऑलरेडी 2019 से 2024 तक 400 सीटें हैं. हम जीतकर एनडीए करीब 360 सीटें आए थे और एनडीए प्लस के पास 2019 से 2024 तक लगातार 400 सीटें रही हैं. इसलिए 400 सीटों को संविधान बदलने की बात से जोड़ना मूर्खतापूर्ण है. सवाल यह है कि ये लोग हाउस को चलने ही नहीं देना चाहते हैं. दुनिया जब 400 सीटों को देखती है, तो उन्हें लगता है कि हां कुछ बात है.
Spoke on a range of subjects in an interview to @ndtv. Do watch. https://t.co/lUNTXcRWuW
— Narendra Modi (@narendramodi) May 19, 2024
कांग्रेस पर लगाए संविधान से खिलवाड़ करने का आरोप
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने संविधान का क्या किया? ये संविधान की बातें करते हैं. कांग्रेस के संविधान का क्या हुआ, मैं पूछता हूं? क्या ये परिवार कांग्रेस पार्टी के संविधान को स्वीकार करता है? आपको याद होगा कि टंडन जी (पुरुषोत्तम दास टंडन) को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था. संविधान के तहत बने थे. लेकिन, नेहरू जी को टंडन जी मंजूर नहीं थे. फिर नेहरू जी ने ड्रामा किया और बोले कि मैं कार्यसमिति में नहीं रहूंगा. पूछा क्यों, क्योंकि उनको टंडन से दिक्कत थी. आखिरकार, कांग्रेस पार्टी को इलेक्टेड राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाना पड़ा. सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे. व्यवस्था के तहत बने हुए थे. कोई मुझे बताए उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया. रातोंरात उठाकर बाहर फेंक दिया और मेडम सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बन गईं. मेरे पास जानकारी नहीं है, लेकिन मेरे मन में सवाल उठता है कि जो इस प्रकार से कांग्रेस पार्टी पर कब्जा करते हैं, मैं जानना चाहूंगा कि आज कांग्रेस के जितने पदाधिकारी हैं, वे कब कांग्रेस के मेंबर बने थे? देश को वो डिक्लेयर करें, अपने संविधान के हिसाब से.
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संविधान बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस को दिखाया आईना
संविधान बदलने का मुद्दा उठाने पर कांग्रेस को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब बताइए, ये संविधान की बात बोलने का उनको हक है क्या. दूसरा उन्होंने संविधान के साथ क्या किया? मैं तो कहता हूं कि जो पहला संविधान बना, उसकी एक आत्मा भी है और शब्द भी? आत्मा क्या थी- संविधान निर्माताओं ने बड़ी बुद्धिमानी की थी कि जो लिखित में चीज रखी जाएगी. वो वर्तमान और भविष्य के लिए होगी, लेकिन हमारा एक भव्य भूतकाल भी है. हमारी भव्य विरासत है. उसका क्या करेंगे. तब तो संविधान बहुत बड़ा हो जाएगा, तो उन्होंने बड़ी बुद्धिपूर्वक संविधान को चित्रों के मढ़ा. ये सारे चित्र भारत की हजारों साल की विरासत है. रामायण हो, महाभारत हो सारी चीजें उसमें हैं. पंडित नेहरू ने पहला काम क्या किया, संविधान की इस पहली प्रति को डिब्बे में डाल दिया और बाद में जो संविधान छपा वो इन चित्रों के बिना था. यानी उन्होंने उन चित्रों को काट दिया और 15 अगस्त के बाद का हिंदुस्तान शुरू कर दिया. अपने परिवार की जय-जयकार करने के लिए.
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संविधान की आत्मा पर प्रहार का लगाया आरोप
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दूसरा उन्होंने संविधान की आत्मा पर प्रहार किया. पहला संशोधन पंडित नेहरू ने अभिव्यक्ति की आजादी पर कैंची चलाने का किया. ये संविधान की आत्मा पर पहला प्रहार था. फिर संविधान की भावना पर उन्होंने प्रहार किया. उन्होंने अनुच्छेद-356 का दुरुपयोग करके 100 बार देश की सरकारों को तोड़ा. फिर इमरजेंसी लेकर आए. एक तरीके से तो उन्होंने संविधान को डस्टबिन में डाल दिया. इस हद तक उन्होंने संविधान का अपमान किया. फिर उनके बेटे आए. पहले नेहरू जी ने पाप किया, फिर इंदिरा गांधी ने किया, फिर राजीव गांधी आए. राजीव गांधी तो मीडिया को कंट्रोल करने के लिए एक कानून ला रहे थे. शाहबानो का सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट उखाड़ कर फेंक दिया और संविधान को बदल दिया, क्योंकि वोटबैंक की राजनीति करनी थी. वो चुनाव के दिन थे, इसलिए वो रुक गए. फिर उनके सुपुत्र आए, शहजादे जी... वो तो कुछ है ही नहीं, एक एमपी के सिवा. कैबिनेट के निर्णय को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंदर फाड़ दिया. ये संविधान की बातें करते हैं, जो चारा चोरी में जेल में बैठे हुए हैं, जिन्हें बीमारी के कारण जेल से बाहर आने की इजाजत मिली है, वो संविधान-संविधान की बातें करते हैं, जिन्होंने संविधान की सारी भावनाओं को तोड़ते हुए जब 'वुमेन आरक्षण बिल' आया था, तो पार्लियामेंट के अंदर उन्होंने बिल की प्रति को छीना और फाड़ दिया और संसद को वो आखिरी दिन था. संविधान के साथ घोर अपमान करने वाले लोग आज संविधान सिर पर रखकर नाच रहे हैं. ये झूठ बोल रहे हैं.
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