Rajasthan Assembly Election : लोकसभा चुनाव 2024 के पहले बेहद अहम समझे जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की निगाहें बनी हुई है जिसके नतीजे 3 दिसंबर को आ जाएंगे. इन पाचों राज्यों में एरिया के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है राजस्थान. जहां हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही है, लिहाजा सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये परंपरा 2023 में भी जारी रहेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा है तो विपक्ष में बैठी भाजपा को एन्टी-इन्कम्बेन्सी और मोदी के चेहरे का भरोसा है.
हालांकि नतीजों से ठीक एक महीने पहले NDTV आपको बता रहा है रजवाड़ों के राज्य राजस्थान की जनता के मन में क्या है. दरअसल NDTV ने CSDS-Lokniti के साथ मिलकर एक सर्वे किया है, जिसमें दर्जनों सवाल मतदाताओं से किए गए, और उनके जवाब लेकर हम आपके सामने आए हैं.
71% वोटर्स हैं गहलोत सरकार से संतुष्ट
इसमें सबसे खास सवाल यही था कि राजस्थान की जनता गहलोत सरकार के कामकाज से कितनी संतुष्ट है? इसका जवाब भी काफ़ी रोचक है, क्योंकि राजस्थान के सिर्फ़ 14 फ़ीसदी मतदाता ही अशोक गहलोत सरकार से पूरी तरह असंतुष्ट हैं.गहलोत सरकार से आंशिक तौर पर संतुष्ट मतदाताओं का प्रतिशत 43 है, जबकि कुछ हद तक संतुष्ट मतदाता 28 फ़ीसदी रहे. यानी, 71 फ़ीसदी मतदाताओं को मोटे तौर पर गहलोत सरकार से कोई शिकायत नहीं है. हालांकि कांग्रेस की सरकार से 10 फ़ीसदी मतदाता कुछ हद तक असंतुष्ट भी हैं.
मोदी सरकार से भी 79% वोटर्स को शिकायत नहीं
सर्वे का दूसरा अहम सवाल केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ा था. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया था कि केंद्र सरकार के कामकाज से आप कितना संतुष्ट हैं, तो राज्य की आधे से ज़्यादा आबादी, यानी 55 फ़ीसदी लोग नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं, और कुछ हद तक संतुष्ट उत्तरदाताओं की तादाद 24 फ़ीसदी रही. इसलिए मोटे तौर पर राजस्थान के 79 फ़ीसदी मतदाताओं को नरेंद्र मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है. इसके विपरीत, मोदी सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट जनता का प्रतिशत 8 रहा, और पूरी तरह असंतुष्ट जनता सिर्फ़ 7 फ़ीसदी रही.
NDTV-CSDS Lokniti के सर्वे में राजस्थान की जनता से यह भी सवाल किया गया था कि आप अशोक गहलोत या नरेंद्र मोदी, किसका चेहरा देखकर वोट करेंगे, तो इसके जवाब में 37 फ़ीसदी लोग मोदी के साथ दिखे, और 32 फ़ीसदी लोग गहलोत के साथ. 20 फ़ीसदी लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने कहा कि वे दोनों नेताओं को देखकर, और फिर सोच समझकर वोट करेंगे. ऐसे ही लोगों से इसी से जुड़ा दूसरा सवाल किया गया था कि उनके लिए वोट देते वक्त सबसे अहम पार्टी होती है या उम्मीदवार. तो जवाब में 31 फ़ीसदी लोगों ने पार्टी देखकर वोट देने की बात कही, जबकि 30 फ़ीसदी लोग उम्मीदवार को देखकर वोट देने की बात करते नज़र आए.
कौन-सी जाति के मतदाता किसके साथ...?
सर्वे का एक खास पहलू यह जानना भी रहा कि राजस्थान में किस जाति के मतदाता किस पार्टी को वोट देने के पक्ष में हैं. सूबे में बड़ी तादाद में मौजूद राजपूत मतदाताओं में से 55 फ़ीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही, और कांग्रेस के पक्ष में 33 फ़ीसदी राजपूत नज़र आए. हालांकि राज्य की दलित आबादी में वोटों का बंटवारा काफ़ी पेचीदा होता दिख रहा है, और 46 फ़ीसदी दलित मतदाता कांग्रेस के साथ जाते दिखे, तो 44 फ़ीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही. जाट मतदाता कांग्रेस के पक्ष में दिखे, और BJP के पक्ष में वोट देने की बात करने वाले 34 फ़ीसदी लोगों के मुकाबले 42 फ़ीसदी ने सर्वे में कांग्रेस का साथ देने की बात कही. इनके अलावा, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा आदिवासी मतदाता BJP के पक्ष में झुकते नज़र आए. 45 फ़ीसदी OBC मतदाता BJP के साथ हैं, जबकि कांग्रेस का साथ देने के लिए सिर्फ़ 35 फ़ीसदी OBC तैयार हैं. आदिवासियों में से 48 फ़ीसदी को 'कमल' वाली पार्टी पसंद है, जबकि 36 फ़ीसदी जनजातीय वोट 'पंजे' का साथ देने को तैयार हैं.
अल्पसंख्यकों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा
रही बात अल्पसंख्यकों की, तो यहां पलड़ा निश्चित रूप से कांग्रेस का ही भारी रहा. सर्वे में शामिल हुए मुस्लिम मतदाताओं में से 86 फ़ीसदी ने कांग्रेस का साथ दिया, जबकि BJP का साथ सिर्फ़ 9 फ़ीसदी मुस्लिम उत्तरदाताओं ने दिया.
BJP के साथ हैं महिलाएं और युवा
सर्वे में शिरकत करने वाली महिलाओं में से 45 प्रतिशत ने BJP को वोट देने की बात कही, और कांग्रेस को वोट देने वाली महिलाओं की तादाद 39 फ़ीसदी रही. पुरुष मतदाताओं में से 43 फ़ीसदी ने BJP, और 41 फ़ीसदी ने कांग्रेस का साथ दिया. युवावर्ग के उत्तरदाताओं में से भी कांग्रेस का साथ देने वाले 35 फ़ीसदी मतदाताओं की तुलना में 45 फ़ीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही.
सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बेरोज़गारी
NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे का एक अहम सवाल यह भी था कि राजस्थान के वोटरों के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या था. इसके जवाब में 21 फ़ीसदी ने बेरोज़गारी और 20 फ़ीसदी ने महंगाई को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया. 15 प्रतिशत ने गरीबी, 13 प्रतिशत ने विकास, सात फ़ीसदी ने भ्रष्टाचार तथा 21 फ़ीसदी लोगों ने अन्य मुद्दों को सबसे अहम मुद्दा बताया.
राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर में एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे सूबे की 30 सीटों पर 24 से 30 अक्टूबर के बीच किया गया, और इसका सैम्पल साइज़ 3,032 था.