Harsha Richhariya in Mahakumbh Akhada: प्रयागराज महाकुंभ मेले 2025 (Mahakumbh 2025) में कई ऐसी चीजें हैं, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. इन्हीं में से एक हैं हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya)... 'महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी' के नाम से गुगल पर ट्रेंड होने वाली मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की हर्षा मेले में वापस आ चुकी हैं. रविवार की दोपहर बाद हर्षा श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhada) के शिविर में पहुंचीं. संतों ने उन्हें बेटी के रूप में भव्य स्वागत किया. अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी (Ravindra Puri) ने बताया कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या (Mauni Amawasya) के दिन दूसरे अमृत स्नान पर हर्षा को निरंजनी अखाड़े के शाही रथ की सवारी से संगम तक ले जाया जाएगा. बता दें कि उनसे संबंधित विवादों के तूल पकड़ने के बाद हर्षा ने महाकुंभ मेला छोड़ने का ऐलान किया था.
आप सभी अपने परिवार के साथ महाकुंभ जरूर आयें #एकता_का_महाकुम्भ #mahakumbh2025 #prayagraj ❤️❤️❤️ pic.twitter.com/JtS8Bn4u8r
— Harsha (@Host_harsha) January 20, 2025
इतने दिनों तक महाकुंभ में हर्षा का डेरा
हर्षा रिछारिया में महाकुंभ में अपने कल्पवास को लेकर कहा कि वे पूरे 45 दिनों तक मेले में रहेंगी. निरंजनी अखाड़े में शामिल होने के बाद हर्षा ने रविंद्र पुरी को अपने पिता तुल्य बताया. बता दें कि लगातार संतों द्वारा जताए जा रहे विरोध के बाद हर्षा कुंभ छोड़कर चली गई थीं. अब उन्होंने महाकुंभ छोड़क नहीं जाने का ऐलान किया है.
हर्षा की वापसी पर विरोध भी शुरू
हर्षा के निरंजनी अखाड़ा में शामिल होने पर शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने इसका विरोध जताया. उन्होंने महंत रवींद्र पुरी को लेकर कहा कि उन्हें हर्षा को रथ पर नहीं बैठाना चाहिए. वह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी हैं. किसी मॉडल को दोबारा शाही रथ पर सवार करने का अपना इरादा महंत रविंद्र को त्याग देना चाहिए.
इसलिए कुंभ छोड़कर गईं थी हर्षा
हर्षा रिछारिया महाकुंभ में दिए अपने एक इंटरव्यू के दौरान फूट-फूटकर रोती हुई नजर आई थी. वीडियो में हर्षा रिछारिया कहती हैं कि यहां कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया. संस्कृति में रमने का मौका नहीं दिया. इस कॉटेज में रहकर मुझे यह महसूस हो रहा है कि मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है. जबकि मेरी गलती नहीं है. हर्षा ने शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरुप पर उनपर उन्होंने कुंभ छोड़ने के लिए विवश करने का आरोप लगाया था.
आनंद स्वरूप ने कहा था कि धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है, इससे बचना चाहिए. इस कदम को समाज में गलत संदेश फैलाने वाला बताया और कहा कि यदि साधु-संतों ने इसे नहीं रोका, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. स्वामी आनंद स्वरूप जी ने आगे कहा कि साधु-संतों को त्याग की परंपरा का पालन करना चाहिए, न कि भोग की.
मकर संक्रांति पर शाही रथ पर बैठी थीं हर्षा
महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की 14 जनवरी मकर संक्रांति पर पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया रथ पर बैठी थीं. हर्षा के रथ पर बैठने और इस तरह से तस्वीर खिंचवाने पर संतों ने आपत्ति जताई थी. बेंगलुरु के शाकंभरी मठ के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि ऐसा करना उचित नहीं है. इससे समाज में गलत संदेश फैलता है.
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हर्षा रिछारिया के बारे में
सोशल मीडिया पर 'महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी' के नाम से फेमस हर्षा रिछारिया मूलरूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं और उनका पूरा परिवार आज भी भोपाल में ही रहता है. प्रयागराज महाकुंभ 2025 में इन दिनों वो काफी सुर्ख़ियों में है. महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी के खिताब से नवाजी जा चुकी हर्षा रिछारिया हरिद्वार में अकेले रहती हैं. सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब छाई हुई हैं.
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