Harsha Richaria Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के दौरान चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया (Harsha Richaria) का एक और नया वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वे फूट-फूट कर रोती हुई नजर आ रही हैं और एक संत पर आरोप लगा रही हैं कि उन्होंने उनको कुंभ में रहने की अनुमति नहीं दी है.
कथित साध्वी हर्षा रिछारिया की तस्वीरों और वीडियो से पूरा सोशल मीडिया पटा हुआ है. लेकिन इन तमाम लोकप्रियता के बीच अब हर्षा रिछारिया का ताजा वीडियो लोगों को हैरान कर रहा है. दरअसल, खुद को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या बताने वाली हर्षा रिछारिया ने अब महाकुंभ छोड़ने वाली हैं. उन्होंने खुद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. इसमें हर्षा ने एक संत पर गंभीर आरोप लगाते हुए महाकुंभ छोड़ने की बात कही.
रोती नजर आईं हर्षा रिछारिया
वीडियो में हर्षा रिछारिया फूट-फूट कर रोती दिखाई दे रही हैं. रोते-रोते हर्षा कहती हैं, "शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी, धर्म को समझने आई थी, सनातन संस्कृति को समझने आई थी. आपने उसको इस लायक नहीं छोड़ा कि वो पूरे कुंभ में रुक पाए. वो कुंभ जो हमारी जीवन में एक बार आएगा. आपने वो कुंभ एक इंसान से छीन लिया. इसके पुण्य का तो नहीं पता लेकिन ये जो आनंद स्वरुप जी हैं, उनको इसका पाप जरूर लगेगा."
यही सत्य है
— Harsha (@Host_harsha) January 16, 2025
जब जब एक महिला अपने जीवन में कुछ अलग करती है तो समाज के कुछ लोग बढ़ने नहीं देते
बाकी प्रभु इच्छा
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कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया: हर्षा रिछारिया
वीडियो में हर्षा रिछारिया आगे कहती हैं कि यहां कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया. संस्कृति में रमने का मौका नहीं दिया. इस कॉटेज में रहकर मुझे यह महसूस हो रहा है कि मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है. जबकि मेरी गलती नहीं है. पहले मैं आई थी पूरे महाकुंभ में रहने की मंशा से आई थी. पूरे 24 घंटे इसी रूम को देखना पड़ रहा है तो इससे बेटर है कि मैं महाकुंभ से चली जाऊं.
किस संत पर लगाया गंभीर आरोप?
वायरल वीडियो में हर्षा रिछारिया जिस संत पर आरोप लगा रही हैं वह शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरुप हैं. उन पर उन्होंने कुंभ छोड़ने के लिए विवश करने का आरोप लगाया. आनंद स्वरूप जी महाराज ने बीते दिनों हर्षा रिछारिया को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान रथ पर बैठाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
बता दें कि आनंद स्वरूप ने कहा था कि धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है. इससे बचना चाहिए. इस कदम को समाज में गलत संदेश फैलाने वाला बताया और कहा कि यदि साधु-संतों ने इसे नहीं रोका, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. स्वामी आनंद स्वरूप जी ने आगे कहा कि साधु-संतों को त्याग की परंपरा का पालन करना चाहिए, न कि भोग की. उन्होंने कहा था कि एक आचार्य महामंडलेश्वर द्वारा मॉडल को रथ पर बैठाकर अमृत स्नान पर जाना समाज के लिए उचित नहीं है. इससे श्रद्धालुओं की आस्था धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. यह भी कहा कि साधु-संतों को समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए, न कि धर्म का दिखावा करना चाहिए.
बहरहाल इस मामले ने महाकुंभ 2025 में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें धर्म और संस्कृति के मुद्दे शामिल हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है. क्या हर्षा रिछारिया को कुंभ में रहने की अनुमति दी जाएगी या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है.
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