
ग्वालियर: स्वतंत्रता दिवस की सुबह ग्वालियर केंद्रीय जेल के 21 कैदियों की जिंदगी में नई ऊर्जा लेकर आई. आजादी के महापर्व पर जेल प्रशासन द्वारा कैदियों के अच्छे चाल-चलन पर उनकी सजा माफ करते हुए उन्हें केंद्रीय जेल से रिहा किया गया और भविष्य में अपराध और अन्य अनैतिक गतिविधियों से दूर रहने की नसीहत भी दी गई.

21 कैदियों को मिली 'आजादी'
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केंद्रीय जेल से रिहा हुए सभी कैदियों को जेल प्रशासन द्वारा जेल में उनके द्वारा किए गए श्रम का पारिश्रमिक और उपहार भी भेंट किया गया. इस दौरान जेल से बाहर आए कैदियों के चेहरे पर भी आजादी की सांस मिलने पर चमक देखने को मिली.

भविष्य में अपराध और अन्य अनैतिक गतिविधियों से दूर रहने की नसीहत भी दी गई
302 के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राम लखन का कहना है कि गांव के झगड़े में जमीन विवाद पर उनके और उनके साथियों का विवाद हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और इस मामले में उन्हें सजा मिली थी. 14 साल की सजा के बाद अभी जेल से बाहर आए हैं और परिवार के साथ अच्छे तरीके से अपने जीवन का निर्वाह करेंगे.

अच्छे चाल-चलन को देखते हुए सजा माफ करते हुए रिहाई दी गई.
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वहीं, भांडेर कस्बे के रहने वाले अजमेर सिंह को भी 15 साल की सजा पूरी करने के बाद केंद्रीय कारागार से उनके अच्छे चाल-चलन को देखते हुए सजा माफ करते हुए रिहाई दी गई. जिस पर उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन द्वारा उन्हें जो नसीहत दी गई है, उन्हें पूरा करने का प्रयास करेंगे. जेल अधीक्षक ने भी सभी कैदियों को उनकी नई जिंदगी के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हुए स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और जीवन में आगे अपना चाल-चलन और व्यवहार संयमित बनाए रखने की सलाह भी दी.