MP News: डिंडौरी जिले के बैगा आदिवासी बाहुल्य जीलंग गांव में अज्ञात बीमारी के चलते एक ही दिन में मां और बेटे की मौत हो गई. घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. मामले के जानकारी मिलते ही कई अफसरों को पैदल ही गांव तक पहुंचना पड़ा. बता दें कि मृतक मां और बेटे विशेष संरक्षित बैगा जनजाति से थे.
घटना के बाद कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देश पर डिंडौरी एसडीएम रामबाबू देवांगन स्वास्थ्य एवं पीएचई विभाग के अधिकारियों के साथ जीलंग गांव के लिए रवाना हुए. लेकिन गांव तक सड़क नहीं होने की वजह से अधिकारियों को वहां पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा. वहीं उनको करीब तीन किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा.
मौत के बाद दहशत में लोग
दरअसल, समनापुर जनपद के गौरा कन्हारी ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम जीलंग में बीते 22 सितंबर की सुबह 70 वर्षीय बैगा जनजाति की महिला बजारिन बाई की मौत हो गई. वहीं दोपहर तीन बजे उनके 45 वर्षीय बेटे ब्रजलाल बैगा ने भी दम तोड़ दिया. इन दो मौतों के बाद गांव में दहशत की स्थिति बन गई. वहीं गांव में करीब चार से पांच लोग बीमार थे जिनका स्वास्थ्य परीक्षण कर अब उनको दवाईयां दी गई है.
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सड़क भी नसीब नहीं…
जीलंग गांव में सौ फीसदी विशेष संरक्षित बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं. घने जंगलों के बीच बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए आज तक सड़क नहीं बन पाई है. बारिश के मौसम में जीलंग गांव तक पहुंचना असंभव जैसा होता है. ऐसे में यहां के वाशिंदे कैसे जीवनयापन करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
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