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Chhindwara News: छिंदवाड़ा में नौनिहालों पर मंडरा रहा खतरा, 15 दिन में 3 बच्‍चों की मौत, हैरान करने वाली वजह आई सामने

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में पिछले 15 दिनों में 3 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं। बच्चों में शुरू में बुखार और जुकाम के लक्षण दिखे, जो बाद में अचानक किडनी फेल होने में बदल गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए ICMR और स्वास्थ्य विभाग की टीमें जांच में जुटी हैं और 5 साल तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

Chhindwara News: छिंदवाड़ा में नौनिहालों पर मंडरा रहा खतरा, 15 दिन में 3 बच्‍चों की मौत, हैरान करने वाली वजह आई सामने

Chhindwara Children Kidney Failure: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में पिछले 15 दिनों में 3 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं। बच्चों में शुरू में बुखार और जुकाम के लक्षण दिखे, जो बाद में अचानक किडनी फेल होने में बदल गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए ICMR और स्वास्थ्य विभाग की टीमें जांच में जुटी हैं और 5 साल तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

मध्‍य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज‍िले के परासिया के ब्लॉक में इन द‍िनों बच्‍चों पर कहर बरप रहा है. गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हो क‍ि महज 15 दिन 3 बच्‍चे असमय मौत का शिकार हो गए हैं और छह अन्‍य बच्‍चे कई अस्‍पतालों में उपचाराधीन हैं. सबको क‍िडनी फेल होने संबंध‍ित द‍िक्‍कते हैं. आए द‍िन बच्‍चों की मौत होने से छिंदवाड़ा ज‍िला प्रशासन ने ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की टीम को जांच के लिए बुलाया है.

बच्चों को नागपुर रेफर किया गया

परिजनों के मुताबिक, बच्चों को शुरुआत में हल्का बुखार और जुकाम की शिकायत हुई थी. निजी अस्पतालों में सामान्य इलाज के दौरान अचानक पेशाब कम होने और किडनी इन्फेक्शन की समस्या सामने आई. हालत बिगड़ने पर बच्चों को नागपुर रेफर किया गया, जहां 3 बच्चों की मौत हो गई.

भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की 2 सदस्यीय टीम भी परासिया पहुंची है. टीम के सदस्य तीन दिन तक इलाके में रहकर जांच करेंगे. सोमवार को अधिकारियों ने परासिया, न्यूटन चिकली और दूसरे गांवों का दौरा किया. मृतकों के परिजन से बातचीत कर जानकारी जुटाई.

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मृतक बच्चों के परिजनों ने कहा कि इससे पहले कभी बच्चे को बुखार तक नहीं आया था. इस बार जब हल्का बुखार आया तो उन्‍हें डॉक्टर के पास ले गए. दवा लेने के बाद एक बच्‍चा स्वस्थ हो गया था. कुछ दिन बाद दोबारा बुखार आया और उसकी पेशाब बंद हो गई. हम उसे नागपुर ले गए लेकिन बचा नहीं पाए. 

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परासिया के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंकित सहलाम ने कहा कि 5 साल तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है. सर्वे टीम घर-घर जाकर सैंपल ले रही है और ये समय संक्रमण के लिए संवेदनशील होता है। इस दौरान बच्चों में वायरल बुखार और जुकाम आम है, लेकिन अचानक किडनी इन्फेक्शन होना गंभीर मामला है.

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