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श्याही की अवैध तस्करी! वन विभाग की मिली बड़ी सफलता,  आरोपी को भेजा जेल

कोरिया जिले के बैकुंठपुर वन मंडल में illegal hunting और porcupine poaching के मामले में वन विभाग ने बड़ी सफलता हासिल की. टीम ने दबिश देकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत से जेल भेजवाया. यह मामला wildlife crime India, forest department action और wildlife protection news से जुड़ा महत्वपूर्ण केस है.

श्याही की अवैध तस्करी! वन विभाग की मिली बड़ी सफलता,  आरोपी को भेजा जेल

Illegal Hunting Case: कोरिया जिले के बैकुंठपुर वन मंडल में श्याही की अवैध तस्करी के मामले में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है. समय रहते मिली सूचना और टीम की तत्पर कार्रवाई ने न सिर्फ अवैध शिकार को रोक दिया, बल्कि आरोपियों को जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया. यह कार्रवाई बताती है कि जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग कितनी गंभीरता से काम कर रहा है.

सूचना मिलते ही हरकत में आया वन विभाग

बैकुंठपुर परिक्षेत्र के टेमरी बीट में श्याही को मारकर उसका मांस पकाने की तैयारी की खबर वन विभाग को मुखबिर के जरिए मिली. मामले की गंभीरता समझते हुए परिक्षेत्राधिकारी भगन राम ने तुरंत एक विशेष टीम तैयार की और मौके पर दबिश देने का फैसला किया. बिना देरी किए टीम को निर्देश दिए गए कि पूरी कार्रवाई सावधानी और सतर्कता के साथ की जाए.

घेराबंदी के बाद तीन आरोपी रंगे हाथ गिरफ्तार

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और चारों ओर से घेराबंदी कर कार्रवाई शुरू की. इस दौरान वन रक्षक मनोज एक्का ने सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे अभियान सफल रहा. दबिश के समय तीन आरोपी वहीं पकड़े गए, और उनके पास से श्याही का शिकार तथा मांस बरामद किया गया. मौके पर ही सभी सामग्री की जांच की गई और फिर आरोपियों को हिरासत में लिया गया.

न्यायालय ने आरोपियों को जेल भेजा

गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को बैकुंठपुर न्यायालय में पेश किया गया. वहां मामले की गंभीरता देखते हुए अदालत ने सभी को जेल भेजने का आदेश दिया. इस कदम से साफ हो गया कि वन्यजीवों के साथ किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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वन्यजीव संरक्षण को लेकर विभाग की चेतावनी

वन विभाग ने स्पष्ट किया कि जंगलों में अवैध शिकार या वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विभाग ने कहा कि ऐसे मामलों में आगे भी इसी तरह की सख्ती बरती जाएगी, ताकि वन्यजीवों का संरक्षण सुनिश्चित रहे और किसी को भी नुकसान पहुंचाने की हिम्मत न हो.

'क्यों जरूरी है त्वरित कार्रवाई'

परिक्षेत्राधिकारी भगन राम ने कहा कि अवैध शिकार की सूचना मिलते ही तुरंत कदम उठाना विभाग की पहली जिम्मेदारी है. उनके अनुसार, ऐसी तेजी से वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास को बचाने में बड़ी मदद मिलती है. वहीं वन रक्षक मनोज एक्का ने भी बताया कि टीम ने सूचना मिलते ही बिना समय गंवाए कार्रवाई की, जिससे आरोपियों को पकड़ना संभव हुआ.
 

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