Most Beautiful tourist place: छत्तीसगढ़ के जशपुर को पर्यटन वेबसाइट में शामिल किया गया है. जशपुर का नाम www.easemytrip.com में शामिल हो गया है. जशपुर पर्यटन वेबसाइट में शामिल होने वाला छत्तीसगढ़ का पहला जिला है. हरी भरी वादियों को घूमने के लिए पर्यटन प्रेमी इस वेबसाइट साइट का उपयोग कर सकते हैं. साइट के माध्यम से पूरी जानकारी दी गई है. बता दें कि ये जगह बेहद खास है. ऐसे में जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के जशपुर कैसे देश-विदेश को पर्यटकों को लुभा रहा है.
भागदौड़ की जिंदगी में सुकून का होता है अहसास
यहां रोमांच, संस्कृति और प्रकृति का संगम देखने को मिलता है. छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित यह छिपा हुआ रत्न शहरी है, जो आज के दौर के जीवन शैली और भागदौड़ की जिंदगी में सुकून का अहसास दिलाता है. प्रकृति को नजदीक से जानने के लिए ये बेहद ही खूबसूरत है.
प्रकृति की गोद में बसा है जशपुर
पर्यटक जशपुर में दमेरा, देश देखा, चाय बगान ,सोगडा आश्रम, रानीदाह , बगीचा विकास खंड में कैलाश गुफा, खुडिया रानी, राजपुरी, दनगरी, मकरभंजा, कुनकुरी में एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च, मधेश्वर पहाड़ पर स्थित शिवलिंग, मयाली नेचर कैम्प का आनंद ले सकते हैं. बता दें कि जशपुर प्रकृति की गोद में बसा हुआ है.
इन फिजाओं से हो सकते हैं रूबरू
दरअसल, य़हां पर्यटकों को हरे-भरे चाय बागान देखने को मिलते है. इसके अलावा वो रॉक क्लाइम्बिंग के रोमांच को अपनाते हैं. साथ ही अपने आदिवासी समुदायों की जीवंत परंपराओं से रूबरू होते हैं. जशपुर हर यात्री के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है. अपने मनमोहक परिदृश्य, ठंडी जलवायु और आदिवासी संस्कृति रीति रिवाज रहन सहन खान पान पारंपरिक व्यंजन और आत्मीयता से समृद्ध सांस्कृतिक विरासत लोगों का मन मोह लेता है.
कैसे पहुंचे जशपुर
जशपुर आने के लिए सड़क माध्यम है. या झारखंड की राजधानी रांची से हवाई यात्रा या ट्रेन के माध्यम से यहां तक पहुंच सकते हैं. साथ ही रांची से जशपुर बस से पहुंच सकते हैं. इसके अलावा उड़ीसा के झारसुगुड़ा से जशपुर आ सकते हैं.
ठहरने का खर्च भी नहीं है ज्यादा
जशपुर में ठहरने के लिए सुंदर, आकर्षक और सुविधा युक्त एथनिक रिज़ॉर्ट है. इसके आलावा छोटे होटल की भी सुविधा आप ले सकते हैं. यहां आप 20-25 हजार रुपये में आसानी से घूम सकते हैं.
इन सुविधाओं का ले सकते हैं आनंद
बता दें कि जशपुर में स्थानीय आदिवासी समूह द्वारा आत्मीय स्वागत किया जाता है. वहीं रात्रि अलाव में परिचय, उसके बाद स्थानीय भोजन, स्थानीय प्रशिक्षक द्वारा योग और ध्यान सत्र कराया जाता है. साथ ही स्थानीय घर का दौरा, स्थानीय भोजन और पत्तों के बर्तन बनाने के बारे में जानकारियां दी जाती है.
इसके अलावा आप स्थानीय आदिवासी घर में दोपहर का भोजन, आदिवासी नृत्य सत्र, बॉन फायर के साथ नाइट लाइट संगीत साइलेंट जंगल वॉक का आनंद ले सकते हैं.
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