Chattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnudev sai) ने कोरिया जिले के झुमका बांध को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान किया हैं. जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए कोशिश भी की शुरू हो गई है... लेकिन असामाजिक तत्व इसमें बड़ी बाधा बन रहे हैं. असामाजिक तत्वों ने बांध के किनारे बने सेल्फी पॉइंट में आई लव कोरिया के सिंबल को तोड़ दिया है. झुमका महोत्सव के दौरान ही यहां नया सिंबल लगाया गया था. झुमका बांध क्षेत्र में अव्यवस्था और गंदगी भी फैली हुई है जिसकी नियमित सफाई नहीं हो पा रही है.
सेल्फी पॉइंट पर लगा गंदगी का अंबार
फिश एक्वेरियम का पानी भी महीनों से नहीं बदला जाता है जिसकी वजह से यहां काई की मोटी परत जम जाती है. वहीं, शाम ढलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था में कमी की वजह से यहां असामाजिक तत्वों की तरफ से तोड़ फोड़ व शराबखोरी भी की जाती है. झुमका बांध के तट और पानी में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है. जबकि, जिले में गर्मी का असर कम होने से लोग छुट्टियों में यहां घूमने पहुंचने लगे हैं. हर रविवार को यहां शहरवासियों की भीड़ रहती है. बावजूद इसके प्रशासनिक अनदेखी से यहां सफाई में लापरवाही बरती जा रही है.
मनोरंजन और झूलों का भी अभाव
झुमका में जिस जगह फ्लोटिंग ब्रिज लगाया गया है, वह जगह इस वक्त बहुत ही असुरक्षित है. खतरे के बीच यहां कभी भी अनहोनी हो सकती है. जबकि पुराना ब्रिज जिस जगह था, उस पर पहले सुरक्षा के लिए रेलिंग और किनारों पर रस्सी थी. झुमका तट व बांध के बीच बने आइलैंड पर हरियाली कम हो गई है. पार्क से झूले हटाए जाने के बाद यहां बच्चों के मनोरंजन जैसा कुछ भी नहीं है. सेल्फी पॉइंट तक पहुँचने के लिए रास्ता उबड़ खाबड़ व खाई नुमा है. फ्लोटिंग ब्रिज को हटा दिया गया है.
बोटों की भी हालत हुई ख़राब
झुमका बोट क्लब में लाई गई चार पैडल बोट किनारे तट पर पड़ी कबाड़ हो रही है. पैडल बोट में छेद हो गया है. शुरुआती महीनों में बोटों की हालत अच्छी थी, लेकिन बोट खराब होने के बाद व्यवस्था बिगड़ गई. प्रशासन ने यहां दो जेट स्की भी मंगाई थी, वह भी यहां से हटा दी गई है. 5 शिकारा भी बोट मंगाई गई थी जिसे अब पिकनिक सीजन में शुरू करने की बात कही जा रही. ऐसे में यहां साफ़-सफाई का भी अभाव है. जिसकी वजह से कोई भी यहां पर घूमने नहीं आता है.
ये भी पढ़ें :
विश्व पर्यावरण दिवस पर कलेक्टर ने रोपे पौधे, पेड़ बचाओ का दिया नारा
बचा लो पेड़ नहीं तो नहीं बचेगा 'कुछ' , पढ़िए MP के पृथ्वी सेना की कहानी