Aawas Yojana in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Aawas Yojana) के तहत जरूरतमंदों को पक्के आवास देने को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं. लेकिन, इन दावों के बीच चिरमिरी नगर निगम के वार्ड नंबर 2 में एक ऐसा भी परिवार है जो शौचालय (Public Toilet) में रहने को मजबूर है. सुनने में बेशक यह अटपटा लगे लेकिन, यह सच्चाई है. लोगों की इस हालत से आवास योजना की जिले में हालत का पता चलता है. जिस सुलभ शौचालय में परिवार निवास कर रहा है, वह नगर निगम कार्यालय (Municipality Office) से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
सरकारी प्रोसेस में अटका है काम
मामला चिरमिरी नगर निगम के वार्ड नंबर 2 के गाड़ा बुढ़ा का है. यहां करीब 15 साल से एक परिवार निगम के बंद पड़े सुलभ शौचालय में रह रहा है. यह इस परिवार का शौक नहीं बल्कि मजबूरी है. वजह है, परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाला घर सरकारी नियमों और कागजों की पेंच में फंसा हुआ है.
छोटा पड़ रहा है अपना कच्चा घर
परिवार के पास वर्तमान में खुद की जमीन पर बना एक कच्चा घर है. इसमें माता-पिता, बहन सहित बाकी लोग रहते हैं. इस घर के छप्पर में कई जगह दरार है, इसलिए मजबूरी में परिवार निगम के बंद पड़े सुलभ शौचालय में निवास कर रहा है. जिस सुलभ शौचालय में परिवार निवास कर रहा है, वह नगर निगम कार्यालय से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
योजना की किस्त पूरी नहीं मिली
ऐसा नहीं है कि परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास नहीं मिला. आवास तो मिला है पर उसकी छत गायब है. अब परिवार आवास की छत के लिए इंतजार कर रहा है. दरअसल, परिवार को आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत होने के बाद एक किस्त जारी की गई थी. परिवार की रैमूनिया बताती है कि एक किस्त मिलने के बाद डोर लेवल तक आवास का निर्माण कराया गया. इसमें किस्त कम पड़ने के कारण परिवार ने अपनी जमा पूंजी भी लगा दी.
आवास योजना में गड़बड़ी
नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में बनाए गए प्रधानमंत्री आवासों में गड़बड़ी होने की बात लगातार सामने आ रही है. यहां कुछ मकान निर्माणाधीन हैं तो कुछ कागजों पर ही पूरे कर लिए गए हैं. कई मकानों में लाल ईंट का प्रयोग किया गया है. कुछ घरों की किस्तें तो कुछ घरों के कागजों के पेंच फंसे हुए हैं. परिवार अब भी छत ढलाई का इंतजार कर रहा है.
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किसे परेशानियां सुनाएं
निगम के जिस सुलभ शौचालय में यह परिवार निवास कर रहा है वह करीब 15 साल से बंद पड़ा था. इस परिवार के सदस्यों ने इसे ही अपना आशियाना बनाया हुआ है. यहां ना तो बिजली की उचित व्यवस्था है और न ही पानी की, बावजूद इसके परेशानियों के बीच परिवार यहां बसर करने के लिए मजबूर हैं.
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