
देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की तैयाारियां जोरों-शोरों से चल रही है. तो वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा (Rajya Sabha) में 56 सीटें खाली हो रही है. जिसके लिए चुनाव होना है. वहीं वोटिंग की तारीख 27 फरवरी को रखी गई है. जबकि नामांकन करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्यसभा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. बता दें कि राज्यसभा की 56 सीटों के लिए विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनाव में एक सीट छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य की भी है. जिसके लिए बीजेपी ने राजा देवेंद्र प्रताप सिंह (Raja Devendra Pratap Singh) को प्रत्याशी बनाया है.
दरअसल, सरोज पांडे का राज्यसभा में कार्यकाल समाप्त होने वाला है. ऐसे में बीजेपी ने रविवार, 11 फरवरी को प्रताप सिंह को छत्तीसगढ़ की एकमात्र सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया.
कौन हैं राजा देवेंद्र प्रताप सिंह?
देवेन्द्र प्रताप सिंह रायगढ़ के तत्कालीन गोंड (आदिवासी) शाही परिवार के वंशज और रायगढ़ (Raigarh) जिले के लैलूंगा (Lailunga) से मौजूदा जिला पंचायत सदस्य हैं. वहीं उनके पिता स्व. सुरेंद्र कुमार सिंह (Surendra Kumar Singh) प्रदेश में 20 सालों से अधिक तक विधायक के तौर पर रहे. हालांकि देवेंद्र के पिता कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते थे. बता दें कि राजा देवेंद्र प्रताप सिंह एमए तक की पढ़ाई की है. इसके अलावा इतिहास से स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की है. राजा देवेंद्र प्रताप सिंह के पिता राज्य सुरेंद्र प्रताप सिंह भी राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. राजा देवेंद्र प्रताप कांग्रेस में भी थे, लेकिन दो दशक पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए. उनकी पत्नी रानी भवानी देवी सिंह है.
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जानें देवेंद्र प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर
प्रताप सिंह राजनीति के साथ-साथ व्यापार से भी जुड़े हैं. वो अभी भारत पेट्रोलियम रायगढ़ के रिटेल आउटलेट के डीलर हैं. साथ ही कृषि सामिग्री का भी डिलरशिप उनके पास है. अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाले देवेंद्र प्रताप सिंह राजनीति में भी काफी सक्रिय रहे हैं. 2005-06 तक राजा देवेंद्र प्रताप सिंह अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं. इसके बाद साल 2008 में भाजपा प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य बने. फिर 2011-12 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा रायगढ़ के जिलाध्यक्ष रहे. 2011 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे. इसके अलावा रेलवे हिंदी सलाहकार समिति (रेलवे मंत्रालय) के सदस्य भी रह चुके हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सक्रिय सदस्य रहे हैं.
राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ बीजेपी के 54 विधायक, जबकि कांग्रेस के 35 विधायक हैं. वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का विधानसभा में एक सदस्य है.
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