
Strike of Minor Forest Produce Managers: नियमितीकरण समेत 4 सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ की हड़ताल चल रही है. सरगुजा से लेकर बस्तर तक प्रदेशभर के 902 प्रबंधक हड़ताल पर बैठे हुए हैं. प्रबंधकों के हड़ताल पर चले जाने से मिलेट्स बेचने के लिए किसान भटक रहे हैं. वहीं संघ ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. इधर राज्य लघु वनोपज संघ ने प्रबंधक सेवा नियम में सुधार के लिए कमेटी का गठन किया है. इसे प्रबंधक संघ ने नकार दिया है.
मिलेट्स खरीदी हुई शून्य
दरअसल 6 फरवरी से प्रदेश में लघु वनोपज प्रबंधक संघ के सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. जिसका सीधा असर प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण मिलेट्स योजना पर पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत 65 प्रकार के वनोपजों एवं तीन प्रकार के मिलेट्स जिसमें कोदो, कुटकी और रागी का संग्रहण प्राथमिक लघु वनोपज संघ के प्रबंधकों के माध्यम से किया जाता है. प्रबंधकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश में मिलेट्स खरीदी शून्य हो गई है. साथ ही ग्रामीण किसानों को मिलेट्स बेचने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. सरकारी खरीदी बंद होने से बिचौलिए औने-पौने दामों में किसानों से मिलेट्स खरीद रहे हैं. जिससे 14 लाख किसान परिवारों को नुकसान हो रहा है.
हर बार होता है षड्यंत्र
राज्य लघु वनोपज संघ ने प्रबंधक सेवा नियम में सुधार के लिए कमेटी का गठन किया है. जिसे छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ के अध्यक्ष रामाधर लहरे ने पूर्ण रूप से नकार दिया. लहरे ने बताया कि हम प्रदेश के 902 प्रबंधक वर्ष 1988 से प्रबंधक पद पर काम कर रहे है. जब भी हम अपनी आवश्यक मांगों को रखते हैं, अधिकारी हमारी मांगों को दबाने और हमें भटाकने के लिए अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचने लगते हैं. इस बार फिर उन्होंने 6 लोगों की कमेटी का गठन किया है. जिससे हम अपनी मांगों से भटक जाएं.

ये भी पढ़ें Chhattisgarh Budget: बजट पेश करने के पहले वित्त मंत्री ने कांग्रेस को जमकर घेरा, लगाए कई गंभीर आरोप
वनकर्मियों ने भी दिया समर्थन
छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ की हड़ताल को वन कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया है. छत्तीसगढ़ वनकर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मूलचंद शर्मा ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख को लिखित पत्र देकर साफ कर दिया है कि उनका प्रबंधकों की हड़ताल को पूर्ण समर्थन है. साथ ही उन्होंने लेटर में प्रबंधकों की मांग को जल्द से जल्द पूर्ण करने की भी अपील की है.
ये भी पढ़ें Chhattisgarh: देश का सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम राजनांदगांव में स्थापित, जानिए क्या है खासियत?