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नक्सली फंडिंग के आरोपों से घिरे विवेक सिंह ! परिजनों ने बताया राजनीतिक साजिश

Chhattisgarh Latest News : राजनांदगांव जिले के मानपुर अंबागढ़ चौकी में नक्सली फंडिंग के आरोपों के तहत विवेक सिंह पर कार्रवाई की गई थी जिसे अब सर्व आदिवासी समाज ने राजनीति से प्रेरित बताते हुए BJP नेताओं और मानपुर के भाजपा महामंत्री की कड़ी आलोचना की है.

नक्सली फंडिंग के आरोपों से घिरे विवेक सिंह ! परिजनों ने बताया राजनीतिक साजिश
नक्सली फंडिंग के आरोपों से घिरा विवेक सिंह ! परिजनों ने बताया राजनीतिक साजिश

Chhattisgarh News in Hindi : राजनांदगांव जिले के मानपुर अंबागढ़ चौकी में नक्सली फंडिंग के आरोपों के तहत विवेक सिंह पर कार्रवाई की गई थी जिसे अब सर्व आदिवासी समाज ने राजनीति से प्रेरित बताते हुए BJP नेताओं और मानपुर के भाजपा महामंत्री की कड़ी आलोचना की है. इस मामले में विवेक सिंह के परिजनों और सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को राजनांदगांव प्रेस क्लब में एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस आयोजित की. सर्व आदिवासी समाज का दावा है कि विवेक सिंह का परिवार 1960 के दशक से मानपुर में बसा हुआ है और उनके सभी वर्गों से अच्छे संबंध हैं.

समाज ने लगाए प्रताड़ना के आरोप 

समाज के अनुसार, विवेक सिंह को आदिवासी समाज का साथ देने के कारण जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है. गोविंद साहवालके, बाल सिंह आंचल, जशवंत घोडे, उदय नेताम, और अजीत सिंह ने बताया कि विवेक 2007 से रायपुर में रह रहा है और साल में केवल 2-3 बार ही मानपुर आता है. इसलिए, उसके खिलाफ की गई कार्रवाई निराधार और बेबुनियाद है.

पत्रकारों से क्या बातचीत हुई ?

प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि विवेक सिंह पर की गई कार्रवाई के बाद भाजपा नेता राजनीति कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता के साथ संबंध को लेकर भी सवाल उठाए गए. बघेल के मुख्यमंत्री बनने से पहले भी उनके पिता नंदकुमार बघेल आदिवासी कार्यक्रमों में भाग लेते थे. भाजपा इन बातों को कांग्रेस से जोड़कर बयानबाजी कर रही है. समाज ने आरोप लगाया कि आदिवासियों की समस्याओं और उनके हक-अधिकार के लिए विवेक के परिवार का हमेशा सहयोग रहा है.

विवेक सिंह के खिलाफ आरोप

सर्व आदिवासी समाज ने यह भी स्पष्ट किया कि विवेक सिंह के पास कभी भी 12 ट्रक नहीं थे, वह केवल एक ट्रक का मालिक है. सोशल मीडिया पर उसकी छवि को खराब किया गया है. प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि विवेक सिंह का नाम सूरजू टेकाम के फ्लाइट टिकट बुकिंग के मामले में जोड़ा गया है, जबकि टिकट के लिए बस्तर से कोई पैसा नहीं आया था. पैसा स्थानीय सरपंच पति ने डाला था, जो खुद दिल्ली गया था. विवेक और उसके परिवार का बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई, आधार पेमेंट, बीमा एजेंसी और CSC केंद्र का काम है.

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परिवार ने की कड़ी आलोचना

सर्व आदिवासी समाज और उनके परिजनों ने इस प्रेस-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आरोपों को निराधार बताते हुए पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित करार दिया. साथ ही उन्होंने विवेक सिंह को षडयंत्रपूर्वक फंसाने के मामले में कड़ी आलोचना की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की.

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