Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ की नारायणपुर पुलिस को नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. माड़ बचाव अभियान और “पूना मार्गेम – आत्मसमर्पण से पुनर्वास तक” अभियान से प्रभावित होकर 5 महिला नक्सलियों सहित कुल 11 नक्सलियों ने एसपी ऑफिस नारायणपुर पहुंचकर सरेंडर किया है.पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने प्रेस को संबोधित करते हुए इसे जिले में शांति और सौहार्द की दिशा में अहम कदम बताया है.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में माड़ डिविजनल कमेटी की एसजेडसी रनीता के दो गार्ड भी शामिल हैं. एसपी ने बताया कि इसके अलावा एमएमसी जोन, उत्तर बस्तर डिविजनल और कंपनी नंबर–1 से जुड़े नक्सलियों ने भी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है.
पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने कहा कि इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण से क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और सौहार्द का वातावरण बनेगा. उन्होंने कहा कि “पूना मार्गेम – आत्मसमर्पण से पुनर्वास तक” अभियान का उद्देश्य भटके हुए युवाओं को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी पात्र सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, ताकि वे सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन की नई शुरुआत कर सकें. इस अवसर पर प्रत्येक सरेंडर नक्सली को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक भी प्रदान किया गया.
सरेंडर नक्सलियों ने दी ये जानकारी
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी नक्सल संगठन के भीतर की कठिन परिस्थितियों, भय और हिंसा के माहौल की जानकारी दी और सरकार व पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास अभियानों पर भरोसा जताया है. नारायणपुर पुलिस की यह सफलता माड़ क्षेत्र में लगातार चल रहे माड़ बचाव अभियान और संवेदनशील पुलिसिंग का परिणाम मानी जा रही है. इससे न केवल नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि क्षेत्र में विकास कार्यों को भी नई गति मिलने की उम्मीद है.
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