Workers Federation Strike in Chhattisgarh: बीते विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Elections) में छत्तीसगढ़ के जिला अधिकारी कर्मचारियों ने भाजपा (BJP) को समर्थन देकर उन्हें सरकार में बैठाया था. अधिकारी कर्मचारी अब अपनी मांगे पूरी नहीं होने के कारण आंदोलन का शंखनाद कर चुके हैं. बीते 6 अगस्त को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने राजधानी रायपुर (Raipur) में मशाल रैली के माध्यम से सरकार को घेरा था. लेकिन, उसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार ने 'मोदी की गारंटी' पूरा करने के लिए कोई पहल नहीं की. अब आगामी 11 सितंबर को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला, तहसील एवं ब्लॉक मुख्यालय में मशाल रैली (Mashal Rally) का आयोजन करने वाला है. इसके बावजूद भी अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तो आगामी 27 सितंबर से छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के सभी अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
किया था 'अगस्त क्रांति' का ऐलान
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने पिछले महीने एक बड़ी बैठक करके महंगाई भत्ते की मांग पूरी करने को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने की रणनीति तैयार की थी. इसमें छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 'लेकर रहिबो लेकर रहिबो,मोदी की गारंटी लेकर रहिबो अब नई सहिबो अब नई सहिबो मोदी की गारंटी लेकर रहिबो' के नारे के साथ अगस्त क्रांति का एलान किया था. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपने तृतीय चरण के आंदोलन में आगामी 11 सितंबर को जिला, ब्लॉक, तहसीलों में मशाल रैली का आयोजन आयोजन करने जा रहा है, जिसके लिए सभी जिला मुख्यालयों एवं ब्लॉक मुख्यालय में कर्मचारी एवं अधिकारी ने व्यापक तैयारी की है.
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संयुक्त शिक्षक महासंघ ने किया फेडरेशन के आंदोलन का समर्थन
11 सितंबर को जिला एवं ब्लॉक तथा तहसील मुख्यालय पर आयोजित मसाल रैली की मुख्य विशेषता यह होगी कि इस मशाल रैली को छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक महासंघ अपने सभी अनुसांगिक संगठनों के सहित द् समर्थन दिया जा रहा है. इसकी पुष्टि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने की है. ऐसे में पूरे छत्तीसगढ़ में एक तरह से सरकार के विरुद्ध आंदोलन का आगाज होने जा रहा है. 11 सितंबर के मसाल जुलूस के बाद भी यदि छत्तीसगढ़ सरकार नहीं जागी, तो जिस तरह फेडरेशन ने 27 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है.
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