
Surajpur News: सूरजपुर (Surajpur) जिले का गठन हुए 11 साल बीत चुके हैं लेकिन ग्रामीण बाहुल्य इस जिले में कई इलाके आज भी पहुंचविहीनता के श्राप से मुक्त नहीं हो सके हैं. शासन सत्ता के बदलते दौर में भी हालात जस के तस बने हुए हैं. ताजा मामला सामने आया है सूरजपुर जिले की प्रेमनगर विधानसभा (Premnagar Assembly Seat) से. यहां के दुर्गापुर गांव की दो बस्तियों, कांदाबाड़ी और साजापारा से सामने आई तस्वीर विकास के तमाम दावों की पोल खोलती है.
यहां गांव की नदी पर पुल न होने की वजह से स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालात ऐसे हैं कि अभिभावक और शिक्षक हर रोज नदी पार करते बच्चों को लेकर चिंता में रहते हैं. नदी पार कर आने के अलावा कोई और रास्ता न होने के चलते अभिभावक बच्चों को गांव में पढ़ाना नहीं चाहते क्योंकि नदी पार करने के दौरान उन्हें किसी अप्रिय घटना का डर बना रहता है.
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चार-चार महीने तक बंद रहती है पढ़ाई
सूरजपुर के प्रेमनगर ब्लॉक की दुर्गापुर पंचायत में लगभग 50 परिवार रहते हैं. यहां संरक्षित जनजाति पण्डो समुदाय के लोग दो पारा में आज भी सड़क के अभाव में नदी पार कर आवागमन करने को मजबूर हैं. यहां स्कूली बच्चे भी नदी पार कर पढ़ने जाते हैं. ऐसे में बारिश होने पर या नदी में पानी ज्यादा होने पर स्कूली बच्चे अक्सर पढ़ने नहीं जा पाते और चार महीने के लिए उनका स्कूल प्रभावित रहता है.
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टीचरों को भी रहती है टेंशन
स्कूली शिक्षक भी नदी पार करते हुए बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को इस मामले से कई बार अवगत भी करवा चुके हैं. जब मामले की जानकारी एनडीटीवी ने जिला शिक्षा अधिकारी को दी तो अधिकारी ललित पटेल ने मौके स्थल की जांच की और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का समाधान करने की बात कही.