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'मन की बात' में PM मोदी बोले- बस्तर में एक नई क्रांति की शुरुआत, ओलंपिक का किए जिक्र

Mann Ki Baat: 'मन की बात' में PM मोदी बोले- 'बस्तर में एक अनूठा ओलंपिक शुरू हुआ है. बस्तर ओलंपिक से बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है.'

'मन की बात' में PM मोदी बोले- बस्तर में एक नई क्रांति की शुरुआत, ओलंपिक का किए जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इस साल की आखिरी मन की बात की. मन की बात के 117वें संबोधन में पीएम मोदी ने बस्तर ओलंपिक का जिक्र किया. उन्होंने मन की बात में कहा कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है.

पीएम मोदी ने कहा, 'बस्तर में एक अनूठा ओलंपिक शुरू हुआ है. बस्तर ओलंपिक से बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है. 

बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ- पीएम

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरे लिए ये बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है. आपको भी ये जानकार अच्छा लगेगा कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है.

पीएम ने कहा, पहली ही बार में बस्तर ओलंपिक में 7 जिलों के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है. यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है. यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव-गाथा है. एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फूटबॉल, हॉकी, Weightlifting, कराटे, कबड्डी, खो-खो और वॉलीवॉल. हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है.

कौन है कारी कश्यप, जिसका जिक्र पीएम ने किया

पीएम मोदी ने मन की बात में कारी कश्यप का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि कारी कश्यप की कहानी मुझे बहुत प्रेरित करती है. एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है. वे कहती हैं, 'बस्तर ओलंपिक ने हमें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है'.

पुनम व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीते

पीएम ने कहा कि सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नहीं है. जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं, 'अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है'. सुकमा के दोरनापाल के पुनेम सन्ना जी की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है. एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनम आज व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं. उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है. कोडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को ‘बस्तर यूथ आइकन' चुना गया है. उनका मानना है, 'बस्तर ओलंपिक दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है.

'बस्तर ओलंपिक' में सरेंडर नक्सली भी हुए शामिल

साल 2024 में बस्तर के नाम सबसे बड़ी उपलब्धि 'बस्तर ओलंपिक' रही. दरअसल, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग में बस्तर ओलंपिक की शुरुआत हुई. इसकी खास बात ये रही कि शहरों और गांवों के खिलाड़ियों के साथ ही सरेंडर नक्सली भी बस्तर ओलंपिक में हिस्सा लिए. बस्तर ओलंपिक की शुरुआत नवंबर के महीने में हुई थी. वहीं इसके समापन समारोह में खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर पहुंचे थे.

318 सरेंडर नक्सली खिलाड़ी ने लिया हिस्सा

बता दें कि बस्तर ओलंपिक में पुरुष खिलाड़ियों की संख्या 1252 और महिला खिलाड़ियों की संख्या 1170 थी. वहीं सरेंडर नक्सली खिलाड़ी 318 और नक्सल हिंसा से ग्रसित 18 खिलाड़ी इस ओलंपिक में हिस्सा लिए. खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बस्तर ओलंपिक में इस बार रिकॉर्ड 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है.

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