Mahadev Betting App Case- महादेव अवैध जुआ ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल अगस्त में ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए छत्तीसगढ़ के व्यवसायी सुनील दम्मानी (Sunil Dammani) को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी.
जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि दम्मानी 23 अगस्त, 2023 से हिरासत में है और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें उसे जमानत देने से इनकार किया गया था.
"गुण-दोष पर कुछ भी कहे बिना, हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को जमानत शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जा सकता है. अपीलकर्ता को किसी अन्य जांच में आवश्यकता न होने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, इस शर्त के अधीन कि वह संबंधित जिले में ईडी कार्यालय में हर 15 दिन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा.”
पीठ ने कहा, "अपीलकर्ता ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा."
जांच एजेंसी ने किया जमानत याचिका का विरोध
सुनवाई शुरू होते ही दम्मानी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत को बताया कि व्यवसायी 14 महीने से जेल में है. उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी जांच में शामिल नहीं हुआ है और मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने कहा कि मामले में 45 आरोपी हैं और व्यवसायी हवाला ऑपरेटर है तथा उस पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आपराधिक आय विदेश भेजने का आरोप है.
जांच एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मुख्य साजिशकर्ता फरार हैं और उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए गए हैं. हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर गौर किया कि दम्मानी पिछले साल अगस्त से जेल में है, और वह आरोपों की गंभीरता को जाने बिना तथा इस तथ्य को ध्यान में रखे बिना कि ईडी द्वारा शिकायत (आरोप पत्र) पहले ही दायर की जा चुकी है, उसे जमानत दे रही है.
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क्या है मामला?
शीर्ष अदालत दम्मानी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसे उच्च न्यायालय के 26 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें हेल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. पिछले साल 23 अगस्त को ईडी ने महादेव ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित संलिप्तता के लिए दम्मानी सहित तीन अन्य को गिरफ्तार किया था.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा सहित 10 लोगों की संपत्तियों की भी तलाशी ली. दम्मानी के अलावा, उनके भाई अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक चंद्र भूषण वर्मा और रायपुर निवासी सतीश चंद्राकर को मामले में गिरफ्तार किया गया था.
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला दुर्ग जिले के मोहन नगर पुलिस स्टेशन में अवैध जुआ ऐप के खिलाफ 2022 की राज्य पुलिस की प्राथमिकी से उपजा है. ईडी के मुताबिक, दम्मानी बंधुओं की एक ज्वैलरी शॉप और एक पेट्रोल पंप है और कथित तौर पर हवाला लेनदेन में उनकी भूमिका थी. एएसआई वर्मा ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे पैसे लिए और संदेह है कि उन्होंने अन्य पुलिस अधिकारियों को भी पैसे दिए.
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