Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बेहद गंभीरता से सुनवाई चल हुई. हायरिंग के दौरान रवि उप्पल के अधिवक्ता ने कहा कि, एफआईआर में जिन बातों का उल्लेख किया गया है, उन बातों की एप्लीकेशन कोर्ट में सबमिट ही नहीं हो पाई. ED ने कोर्ट को गलत जानकारी भी दी. इसी दौरान एडवोकेट किशोर श्रीवास्तव ने कई तत्वों का जिक्र किया, जिसमें रेफरेंस के तौर पर दाऊद इब्राहिम का भी नाम लिया.
वारंट रद्द करने की मांग की
दाऊद इब्राहिम का लिंक छत्तीसगढ़ से और विशेष कर महादेव सट्टा मामले से कैसे जोड़ा जा रहा है. इस पर दोनों पक्षों के वकीलों ने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर-संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के गिरफ्तारी वारंट केस में मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम की एंट्री हुई. आरोपियों के वकील ने सुनवाई के दौरान एक केस का जिक्र करते हुए वारंट रद्द करने की मांग की.
बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी
दरअसल, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ ED कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया. इसी वारंट को आरोपियों ने वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल और किशोर श्रीवास्तव के जरिए बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी. मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की कोर्ट में सुनवाई चल रही. उन्होंने गुरुवार को कहा, न्यायाधीश ने नोटिस जारी करते समय कथित अभियुक्त बताया, लेकिन ED ने अपनी एफआईआर में अभियुक्त लिखा है. ये दोनों अलग-अलग बातें हैं. ED ने गलत जानकारी देकर कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराया है. इसे रद्द कर देना चाहिए.
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19 सितंबर को होगी पूरे मामले में फिर से सुनवाई
वारंट मामले में शुक्रवार को दोबारा सुनवाई होगी. ED के अधिवक्ताओं का कहना है कि बहस की प्रक्रिया में और कई दिन लग सकते हैं. इससे पहले बुधवार को भी अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सौरभ चंद्राकर का पक्ष रखा था और फिर प्रदेश से रवाना हो गए थे.
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