
FIR registered against Patwari: कोरिया जिले के बैकुंठपुर में सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करने वाली महिला पटवारी सहित 4 लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने FIR दर्ज की है. मामला बैकुंठपुर के मंडलपारा क्षेत्र का है. यहां जल संसाधन विभाग की गेज परियोजना की करीब 0.020 हेक्टेयर जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बिक्री कर दिया गया है. रजिस्ट्री के करीब 4 साल बाद पीड़ित को जमीन सरकारी होने की भनक तब लगी जब जमीन से अतिक्रमण खाली करने का नोटिस घर पहुंचा.
जमीन देखने गए थे तब जाल में फंसाया
पीड़ित अली हसन ने पुलिस को की गई शिकायत में बताया गया है कि वह अपने पिता हैदर अली के साथ घर बनाने के लिए जमीन देखने मंडलपारा गए थे. यहां उनकी मुलाकात पटवारी वंदना कुजूर से हुई. जिस जमीन को पिता पुत्र देखने पहुंचे थे ,पटवारी ने उसे खराब बताते हुए इन्हें अच्छी जमीन दिलाने की बात कही. इसके बाद पटवारी ने यहां खसरा नंबर 83/2 की जमीन को दिखाया. जब पिता पुत्र ने जमीन को पसंद कर लिया, तब पटवारी ने ही रजिस्ट्री के सभी दस्तावेज तैयार किए और पीड़ित के पिता हैदर अली के नाम रजिस्ट्री कर दी. जमीन की कीमत के रूप में पटवारी ने 300000रुपए नगद और 230000 रुपए गोविंद दास के नाम चेक के माध्यम से लिया.
ऐसे हुआ खुलासा
रजिस्ट्री के करीब 4 साल बाद पीड़ित को जमीन सरकारी होने की भनक तब लगी जब जमीन से अतिक्रमण खाली करने का नोटिस घर पहुंचा.नोटिस मिलने के बाद पता चला कि जिस जमीन की रजिस्ट्री कुछ साल पहले इसके नाम पर हुई थी वह गेज परियोजना की जमीन है. इसके बाद पीड़ित ने तहसीलदार बैकुंठपुर को मामले की शिकायत की. तहसीलदार ने पटवारी वंदना कुजूर को सस्पेंड कर दिया. इस सब के बीच हैदर अली की हार्ट अटैक से मौत हो गई. जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद पीड़ित अली हसन ने मामले की शिकायत थाना प्रभारी चरचा से की थी. क्योंकि मामला बैकुंठपुर क्षेत्र से संबंधित है तो पुलिस ने प्रकरण की फाइल सिटी कोतवाली बैकुंठपुर के पास भेजी. अब यहां जांच के बाद आरोपी पटवारी सहित जमीन विक्रेता और दो गवाहों पर पुलिस ने आईपीसी की पांच धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया.
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इन पर दर्ज हुई FIR
पुलिस ने मामले में आरोपी हल्का पटवारी वंदना कुजूर,पूर्व भूमि स्वामी गोविंद दास, गवाह देवेंद्र प्रसाद सहित मोहम्मद इबरार के खिलाफ IPC की धारा 420,467,468,471 और 120b का अपराध दर्ज किया है. आरोप है कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर पटवारी वंदना कुजूर ने छल पूर्वक कूट रचना करते हुए प्रार्थी को आर्थिक क्षति पहुंचाई है.
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