Chhattisgarh News in Hindi : खेती किसानी में अब महंगाई की मार देखने को मिल रही है. कृषि कार्य 15 फीसदी महंगा हो गया है. जिसका नुकसान सीधे-सीधे किसानों को उठाना पड़ सकता है. 'महंगाई' मतलब किसानों के मुनाफे में कमी होगी. मानसून के पहले जिले की सभी समितियों में खाद-बीज को स्टोर कर उसकी डिलीवरी शुरू कर दी है. इधर, किसान भी कृषि कार्य में जुट गए है. लेकिन कृषि उपकरण, रासायनिक खाद, बीज, कीटनाशक दवाईयों और मजदूरी में इज़ाफ़ा देखा जा रहा है.
किसानों ने बताई परेशानी
ऐसे में किसानों का कहना है कि जो धान बीज पहले 2800 रुपये में मिलता था वही धान अब 3400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इसी तरह पतला धान 3000 रुपये से सीधे 3900 रुपये हो गया है. इसके अलावा कृषि उपकरण 3 प्रतिशत तो दवाइयां 10 प्रतिशत महंगी हो गई है. दूसरी ओर किसानों को मजदूर नहीं मिलना भी एक परेशानी है. जो मजदूर मिल रहे है उनकी भी मजदूरी महंगी हो गई है. पहले 150 रुपये महिला तो 250 रुपये पुरुष की मजदूरी थी.
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तमाम चीजें हुई महंगी
यह अब 300 रुपये पुरुष और 200 रुपये महिला हो गई है. डीजल पेट्रोल और बिजली के दाम से भी किसान परेशान है. ट्रैक्टर से खेतों की जोताई का भाड़ा भी महंगा हो गया है. पहले जहां प्रति घंटे हजार से 12 सौ रुपये लिए जाते थे... वह अब 15 सौ से 16 सौ रुपये प्रति घंटे हो गए है. हालांकि छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये कर दिया गया है जो कि पिछले साल के मुकाबले 8 फीसदी ज़्यादा है.
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