विज्ञापन
This Article is From Mar 06, 2025

Dhan Kharidi: खुले आसमान के नीचे लावारिश पड़ा है लाखों क्विंटल धान, उड़ी धान उपार्जक केंद्रों की नींद

Delay In Paddy Procurement: दरअसल, धान खरीदी के बाद उसके उठाव की गति धीमी होने के कारण धान उपार्जन केन्द्रों के प्रबंधकों व समिति के अध्यक्षों को चिंता सता रही है आशंका है कि खुले आसमान की नीचे होने पर प्रति बोरे में 2 किलो सूख जाएंगे.आला अधिकारी कह रहे हैं कि इसमें 10-15 दिन और लगेंगे.

Dhan Kharidi: खुले आसमान के नीचे लावारिश पड़ा है लाखों क्विंटल धान, उड़ी धान उपार्जक केंद्रों की नींद
Delay In CG Paddy procurement

CG Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को समाप्त हुए एक महीने से भी अधिक हो गया है, लेकिन अब तक धान खरीदी केंद्रों से पूरी तरह से धान का उठाव नहीं हो पाया है, जिससे धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान पड़ा हुआ है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. इससे अनाज के खराब होने की संभावना बढ़ गई है. 

दरअसल, धान खरीदी के बाद उसके उठाव की गति धीमी होने के कारण धान उपार्जन केन्द्रों के प्रबंधकों व समिति के अध्यक्षों को चिंता सता रही है आशंका है कि खुले आसमान की नीचे होने पर प्रति बोरे में 2 किलो सूख जाएंगे.आला अधिकारी कह रहे हैं कि इसमें 10-15 दिन और लगेंगे.

छत्तीसगढ़ में इस बार प्रति क्विंटल 3100 रुपए के हिसाब से खरीदी गई है धान

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इस बार प्रति क्विंटल 3100 रुपए के हिसाब से धान की खरीदी की गई है. किसानों को धान का पैसा तो मिल गया, लेकिन खरीदी केंद्रों में अभी भी धान का बंपर स्टॉक पड़ा हुआ है. धान का उठाव धीमी गति से होने के कारण प्रति बोरी में लगभग 2 से 3 किलो का सूख रहा है, जिसका का सीधा नुकसान धान उपार्जक केंद्र को होगा.

पहले स्थान पर महासमुंद, जहां की गई 11.04 मीट्रिक टन धान की खरीदी

महासमुंद जिला धान खरीदी में पहले स्थान पर है, जहां 182 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 1 लाख 53 हजार 281 किसानों से 11.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. इसमे से 8 लाख 98 हजार मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है, लेकिन 2 लाख 5 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव नहीं हुआ है.

महासमुंद जिले के धान उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे पड़े 2 लाख 5 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव में देरी से नुकसान की संभावना है. मामले में कलेक्टर का कहना है कि समस्या को सुलझा लिया गया है. उम्मीद है कि 10-15 दिनों में धान का उठाव हो जाएगा.

धान उठाव में देरी से उपार्जन केंद्रों को प्रति बोरा 2 किलो नुकसान की आशंका

गौरतलब है कि धान खरीदी के समय से ही तीव्र गति से धान का उठाव सतत जारी रहता तो आज तक जिले के विभिन्न धान उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे नहीं पड़ा होता. बहरहाल देखना होगा कि अन्नदाताओं के खून पसीने से उपजाया धान कब तक खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है. हालांकि किसानों को उनके हिस्से के पैसे मिल चुके हैं. 

ये भी पढ़ें-Inter-Religious Marriage: 2 वर्ष पहले दिल्ली में की थी अंतरधार्मिक शादी, उज्जैन पहुंचते ही जताई सुरक्षा की चिंता, जानिए पूरा मामला?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close