Anti Naxal Operation Gogunda Hill: सुकमा के दरभा डिवीजन (Darbha Division Committee) के जिस इलाके को माओवादी अपना अभेद्य सेफ जोन मानते थे, वहां अब सुरक्षाबलों का कब्जा है. गोगुंडा की दुर्गम पहाड़ी (Gogunda Hill) पर नया सुरक्षा कैंप (Security forces New camp Opened) खुलते ही न सिर्फ माओवादियों की कमर टूटी है, बल्कि सालों से कटे गांव अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं.
माओवादियों का सुरक्षित गढ़ था 'गोगुंडा की पहाड़ी'
यह वही गोगुंडा की पहाड़ी घना जंगल, तीखी ढलान और सालों तक प्रशासन की पहुंच से बाहर इलाका... कभी यह इलाका माओवादियों की दरभा डिवीजन का सुरक्षित गढ़ था, लेकिन अब यहां तैनात है सुरक्षा बलों का नया कैंप है. पहाड़ी के शिखर पर स्थापित यह कैंप सिर्फ चौकी नहीं, बल्कि उस बदलाव की तस्वीर है, जहां बंदूक का डर पीछे छूट रहा है और विकास का रास्ता आगे बढ़ रहा है.

पहले सुरक्षाबलों ने बनाई सड़क
यह कैंप छत्तीसगढ़ शासन की नियद नेल्ला नार योजना की सोच को जमीन पर उतारता है. सुरक्षा के साथ विकास हमारी प्राथमिकता है. अब पहुंचहीन गांवों में भी प्रशासन और योजनाएं सीधे लोगों तक पहुंचेंगी.
गोगुंडा की पहाड़ी पर खोला गया नया कैंप
मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से माओवाद को खत्म करने का जो प्रण है, उसी प्रण को आगे बढ़ाते हुए सीआरपीएफ 74 bn ने गोगुंडा की पहाड़ी पर नया कैंप खोला है. 45 दिन रात प्रयास कर पहाड़ी को काटकर सड़क का निर्माण कराया गया है. माओवादियों के लिए यह इलाका बेहद सुरक्षित था.
आईईडी ब्लास्ट में महिला जवान घायल
हालांकि यह मिशन आसान नहीं था. कैंप स्थापना के दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए प्लांट आईईडी ब्लास्ट में एक सीआरपीएफ जवान और सुकमा जिला पुलिस की एक महिला जवान घायल हुईं. दोनों का उच्चस्तरीय इलाज जारी है और हालत स्थिर बताई जा रही है.
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