छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में किसानों की धान खरीदी को लेकर प्रशासन का सुस्त रवैया साफ दिखाई दे रहा है. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हुए 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कई उपार्जन केंद्रों में आवश्यक तैयारियां नहीं हैं. साथ ही केंद्रों पर जरूरी संसाधन तक नहीं पहुंचे हैं. किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा है, वे धान बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. वहीं कई समितियों में प्रबंधक, प्रभारी और ऑपरेटर की व्यवस्था नहीं हो पाई है, जिसके कारण कई जगह धान खरीदी कछुए की रफ्तार से चल रही है.
10 दिन से भटक रहे किसान
पंडरिया ब्लॉक के महिडबरा उपार्जन केंद्र में यही हाल देखने को मिला, जहां किसान 10 दिन से टोकन कटवाने और धान बेचने के लिए भटक रहे हैं. समिति के अध्यक्ष और प्रभारी ने बताया कि केंद्र में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिसके चलते धान खरीदी में देरी हुई है. इस खरीदी केंद्र पर अब तक केवल 3 किसानों से 167 क्विंटल धान खरीदा गया है.
अब तक सिर्फ 33 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा
कबीरधाम जिले में धान खरीदी के लिए जिले में 108 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. 1 लाख 21 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है. इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 6 लाख 87 हजार मीट्रिक टन रखा गया है. वहीं, जिले में अब तक करीब 7 हजार किसानों से 33 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है.
कांग्रेस ने बोला हमला
धान खरीदी की सुस्त गति को लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा है. कवर्धा पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार किसानों का धान नहीं खरीद पा रही है, जगह-जगह मंत्रियों का घेराव हो रहा है. दो साल के कार्यकाल में अराजकता का माहौल है.