छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा (Dantewada) में लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आईये अभियान) से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. दोनों नक्सलियों ने डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा पहुंचकर पुलिस अधीक्षक गौरव राय के समक्ष सरेंडर किया है. दंतेवाड़ा एसपी ने समर्पित दोनों नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि और योजना का लाभ दिए जाने की बात कही है.
दोनों नक्सली मलांगेर एरिया कमेटी के सदस्य
सरकार की 'लोन वर्राटू अभियान' (घर वापस आईये अभियान) और 'पुनर्वास नीति' से प्रभावित थे. नक्सलियों के भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर मंगलवार, 2 अप्रैल को दोनों नक्सलियों ने मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में मलांगेर एरिया कमेटी के सदस्य गंगा मड़काम जो सुकमा का रहने वाला है,जबकि दूसरे नीलावाया पंचायत सीएनएम सदस्य आयतु मड़काम जो दंतेवाड़ा के रहने वाला है. वहीं दोनों ने दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय के सामने डीआरजी कार्यालय दंतेवाडा में आत्मसमर्पण किया है.
आत्मसमर्पण करने वाले नकसलियों को दी जाएगी प्रोत्साहन राशि
पुलिस ने बताया कि दोनों सरेंडर नक्सली दरभा डिवीजन की मलंगीर एरिया कमेटी में सक्रिय होकर लंबे समय से नक्सली संगठन के लिए काम कर रहे थे. आत्मसमर्पित नक्सली गंगा मड़काम (38 वर्ष) नीलावाया पंचायत मिलिशिया सदस्य के रूप में काम कर रही थी, जबकि आयतू मड़काम (20 वर्ष) नीलावाया पंचायत सीएनएम सदस्य के रूप में नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ था.
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि आत्मसमर्पित दोनों नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना के तहत 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि और मिलने वाले सभी प्रकार का लाभ मिलेगा. उन्होंने आगे बताया कि इस अभियान के तहत अबतक 174 इनामी नक्सली सहित 688 नक्सलियों ने सिर्फ दंतेवाड़ा जिले में सरेंडर कर मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.
सरकार बदलते ही नक्सलियों के खिलाफ रणनीति हुई तेज
बता दें कि छत्तीसगढ़ में जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से विष्णु देव साई नक्सलवाद पर शिकंजा कसने में लगे हुए हैं. दरअसल, बीते दो महीने में बस्तर संभाग के सभी नक्सलवाद से घिरे जिले जैसे दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा में लगातार नक्सलियों के खिलाफ जवानों के बड़े ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं. वहीं सुरक्षा बलों ने बस्तर के अलग अलग जिले में मुठभेड़ कर 30 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया. साथ ही नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए बड़े आपरेशन चलाये जा रहे हैं, वहीं नक्सलियों पर लगातार बन रहे दबाव के चलते वो खुद सरेंडर कर मुख्यधारा में जुड़ने की मजबूर हो रहे हैं.
क्या है 'लोन वर्राटू' अभियान?
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रशासन द्वारा शुरू किया गया लोन वर्राटू यानी घर वापसी अभियान है. जिसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाएगा. वहीं इस अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों और इनामी नक्सलियों के गांवों में उनके पोस्टर लगाकर सरेंडर करने की अपील की जा रही है.