
रायपुर : छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य से गुजरने वाली यात्री रेल गाड़ियों का परिचालन रद्द किए जाने के विरोध में बुधवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में रेलवे स्टेशनों के सामने 'रेल रोको' प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता पटरी पर बैठ गए जिससे दुर्ग, बिलासपुर और कांकेर जिलों समेत कई स्थानों पर रेल यातायात बाधित हुआ. राजधानी रायपुर में सत्ताधारी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रायपुर रेलवे स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया और फिर प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पटरी पर बैठ गए. कुछ देर बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हटा दिया. हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन के कारण रायपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही अप्रभावित रही.
रायपुर रेलवे स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्र पर पिछले नौ वर्षों में ट्रेन सेवाओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यात्री ट्रेन सेवाओं को बाधित करने की साजिश रच रही है और ट्रेनें समय पर नहीं चलाई जा रही हैं और कभी भी अचानक रद्द कर दी जाती हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है. कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र देश की सबसे विश्वसनीय यात्री परिवहन सुविधा का निजीकरण करने की कोशिश कर रहा है.
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ट्रेन के इंजन पर चढ़े प्रदर्शनकारी
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में संचालित 2600 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई. रेलवे और राज्य पुलिस के जवानों को प्रदर्शन स्थलों के पास और राज्य के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किया गया था. बिलासपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता कोटा, बिल्हा, जयराम नगर, बेलगहना और बिलासपुर स्टेशनों के पास रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और मालगाड़ियों को रोक दिया. इसी तरह विधायक अरुण वोरा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता दुर्ग रेलवे स्टेशन पर मुंबई-हावड़ा मार्ग पर पटरियों पर बैठ गए, जिससे करीब एक घंटे तक ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही. प्रदर्शनकारी एक ट्रेन के इंजन पर भी चढ़ गए.
एक घंटे तक ट्रैक पर बैठे 200 कार्यकर्ता
आंदोलन को लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने कहा कि एसईसीआर यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्रेन रद्द की खबरों को बताया भ्रामक
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री रेल गाड़ियों में से एक प्रतिशत से भी कम को विकास कार्यों के कारण पिछले दिनों रद्द कर दिया गया है. रंजन ने कहा 'एसईसीआर जोन का मुख्यालय बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में है, जिसमें तीन रेलवे डिवीजन आता है जिनमें रायपुर, बिलासपुर और नागपुर शामिल हैं. वर्तमान में एसईसीआर में प्रतिदिन 245 रेल गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है. मैंने कुछ जगहों पर 60 से 70 हज़ार रेल गाड़ियों के रद्द होने की कुछ खबरें देखीं, जो भ्रामक हैं.'
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'यात्रियों के हित में हैं विकास कार्य'
उन्होंने कहा कि मूल रूप से यह आंकड़ा कोविड के समय का है, जिसके दौरान भारत सरकार के निर्देश के अनुसार संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं. बढ़ते ट्रैफिक और मांग के कारण एसईसीआर में रेल विकास कार्य किए जा रहे हैं. सभी विकास कार्य यात्रियों के हित में किए जा रहे हैं और इससे भविष्य में रेलवे सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी. अधिकारी ने कहा कि विकास कार्यों के कारण कभी-कभी समय सारिणी के अनुसार ट्रेनों का संचालन करना मुश्किल हो जाता है. प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री गाड़ियों में से एक प्रतिशत से भी कम गाड़ियों को विकास कार्यों को देखते हुए न्यूनतम दिनों के लिए (इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक) रद्द किया गया है.