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This Article is From Sep 30, 2023

CM साहब !आपके अधिकारी लापरवाह हैं- बस्तर में टॉर्च की रोशनी में हो रहा है इलाज

बस्तर के किलेपाल का एकमात्र सरकारी अस्पताल अधिकारियों की लापरवाही का शिकार है. यहां 5 दिनों से बिजली नहीं है और डॉक्टरों को टॉर्च की रोशनी में इलाज करना पड़ रहा है. इसी वजह एक बस-ट्रेलर की भिड़ंत में घायल यात्रियों को समुचित इलाज नहीं मिल पाया. आखिर अधिकारियों की लापरवाही पर लगाम कौन लगाएगा. 

CM साहब !आपके अधिकारी लापरवाह हैं- बस्तर में टॉर्च की रोशनी में हो रहा है इलाज

Chhattisgarh News: बस्तर जिले के किलेपाल का एकमात्र सरकारी अस्पताल (government hospital)  अधिकारियों की भंयकर अनदेखी का शिकार है.5 दिन पहले यहां आग लग गई थी तब घंटे भरे बाद फायर ब्रिगेड (fire brigade)की गाड़ियां पहुंची थी..किसी तरह से आग पर तो काबू पा लिया गया लेकिन अधिकारियों की लापरवाही अब भी बेकाबू है. 5 दिनों बाद भी बिजली विभाग को इतनी फुर्सत नहीं मिली कि वो यहां आए और बिजली इंतजामों को दुरुस्त करे. मजबूरन यहां मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी torch light treatment) में हो रहा है.

इसका लापरवाही का खतरनाक अंजाम भी दिखा है. बीते शुक्रवार की देर शाम को किलेपाल के पास एक यात्री बस और ट्रेलर की आपस मे भिड़ंत हो गई. इस हादसे में यात्री बस में सवार दो यात्रियों की मौत हो गई और 19 यात्री घायल हो गए. इन घायलों को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया

. घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर इस बात का खुलासा हुआ कि अस्पताल में चार दिन से बिजली ही नहीं है, क्योंकि मंगलवार को हुए शार्ट सर्किट की वजह से अस्पताल भवन की बिजली वापस बहाल नहीं हो पाई है. पूरे अस्पताल में अंधेरा होने की वजह से डॉक्टरों के द्वारा घायल यात्रियों का प्राथमिक इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया.

टॉर्च की रोशनी में ही सरकारी अस्पताल में मरीजों का इलाज करते डॉक्टर

टॉर्च की रोशनी में ही सरकारी अस्पताल में मरीजों का इलाज करते डॉक्टर

कुछ घायलों की स्थिति गंभीर थी लेकिन अस्पताल में बिजली नहीं होने की वजह से उन्हें बेहतर इलाज के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है.हादसे के दौरान एक और प्रशासनिक लापरवाही सामने आई. जब दोनों वाहनों में टक्कर हुई तो बुलाने के बावजूद अस्पताल से एंबुलेंस नहीं पहुंची. मजबूरी में ही चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम और बास्तानार तहसीलदार के वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. 

 घायलों के परिजनों में आक्रोश

सरकार द्वारा बस्तर में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा किया जाता रहा है. बावजूद इसके मुख्यमार्ग में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच दिनों से बिजली न होने से हुई परेशानी के बाद दुर्घटना में घायल यात्रियों के परिजनों में जमकर आक्रोश देखने को मिला. इस लापरवाही को लेकर सभी ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है. साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने भी परिजनों का समर्थन करते हुए कहा कि पूरे बास्तानार ब्लॉक में यह एकमात्र बड़ा अस्पताल है और आसपास के सभी ग्रामीण इसी के भरोसे हैं.

लापरवाही पर विधायक ने जताया दुख

किलेपाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर क्षेत्रीय विधायक राजमन बेंजाम का निवास है. सड़क दुर्घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर तत्काल पहुंच कर उन्होंने स्वयं घायलों को मदद पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाई और अस्पताल भी पहुंचे. चार दिन से अस्पताल में बिजली न होने पर उन्होंने अफसोस जताया. उन्होंने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बिजली विभाग से संपर्क किया है और तत्काल ही सारी व्यवस्था ठीक करने के आदेश भी दिए हैं.

वहीं घटनास्थल पर पहुंचे बास्तानार एसडीएम भरत कौशिक ने विधायक के सामने ही चौंकाने वाला बयान दिया. उन्होंने कहा कि मुझे किसी ने जानकारी ही नहीं दी कि भवन में बिजली नहीं है. ये मामला अभी संज्ञान में आया है जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा.

बिजली अधिकारी का दावा निकला गलत

अस्पताल भवन में चार दिन से बिजली नहीं होने से हुई परेशानी के बाद जब इस मामले पर पीडब्ल्यूडी के विद्युतयांत्रिकी विभाग के अधिकारी अजय कुमार टेमबुरने से संपर्क करने पर उन्होंने दावा किया कि मंगलवार को हुई शार्ट सर्किट की घटना के तत्काल बाद ही भवन में प्रारम्भिक मरम्मत का कार्य कर दिया गया था। वहीं  शनिवार को पूरी टीम को तैनात कर दिया गया है और पूरी तरह से मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है. हालांकि अधिकारी के दावे की पोल शुक्रवार रात ही खुल गई थी जब अंधेरे में मरीजों का इलाज किया गया था

बीएमओ ने कहा अब जनरेटर की भी मांग की गई है

अस्पताल भवन की बदहाली पर जब क्षेत्र के ब्लॉक मेडिकल अधिकारी डॉ अरिजीत चौधरी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि एक महीने पहले ही विभाग को मरम्मत के लिए पत्र लिख दिया गया था. भवन में बारिश की वजह से दीवारों  पर सीलन भी आ जाती है जिससे शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है यह भी सूचित किया गया था। शुक्रवार की घटना के बाद आज पीडब्ल्यूडी की टीम सुबह से मौके पर है और सुधार कार्य कर रही है। वहीं इस तरह की समस्याओं को देखते हुए अब उन्होंने अस्पताल के लिए एक बड़े जनरेटर की मांग को लेकर भी विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख दिया है 
 

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