
एमसीबी (मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) जिले के चिरमिरी नगर पालिका निगम के वार्ड-9 गेल्हापानी की तस्वीरें देख कर किसी का भी दिल पसीज जाएगा. यहां की जनता पानी जैसी बुनियादी आवश्यकता के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हो गई है. महिलाओं से लेकर बच्चों और बुजुर्गों तक को प्यास से परेशान होकर चौराहे पर धरने पर बैठना पड़ा है.
गेल्हापानी शब्द में तो पानी हैं, लेकिन इस नाम की जगह पर तो पानी बिल्कुल नहीं हैं. पिछले कई दिनों से यहां के लोग प्यास से बेहाल हैं, लेकिन न नगर निगम प्रशासन दिखाई दे रहा है और न ही स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी किसी तरह की पहल कर रहे हैं. पूरे वार्ड में पानी की सप्लाई न के बराबर है और लोग मजबूर होकर सड़क पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.
लोगों की उपेक्षा कर रही SECL
इस क्षेत्र की पानी की पूरी जिम्मेदारी एसईसीएल की है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी इस इलाके की उपेक्षा कर रही है. न बिजली की उचित सुविधा, न पानी की नियमित आपूर्ति. लोगों का आरोप है कि एसईसीएल जानबूझकर इस इलाके को उजाड़ना चाहती है. प्रशासन और कंपनी के बीच इस असंतुलन के कारण जनता परेशान है और धीरे-धीरे उसका धैर्य समाप्त हो रहा है.
अब जनता ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग मिलकर चौराहे पर धरना दे रहे हैं और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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