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Chhattisgarh News: गरियाबंद के बजार में आ गई सबसे महंगी सब्जी, कई जिलों से खरीदने के लिए आते हैं लोग

Expensive Vegetable in Chhattisgarh: गरियाबंद जिले में इस इलाके की सबसे महंगी सब्जी आई है. इसकी डिमांड इतनी ज्यादा है कि लोग इसे खरीदने के लिए दूर-दूर के जिलों से आते हैं.

Chhattisgarh News: गरियाबंद के बजार में आ गई सबसे महंगी सब्जी, कई जिलों से खरीदने के लिए आते हैं लोग
सबसे महंगी सब्जी भी बीक जाती है कुछ ही हफ्तों में

Most Expensive Vegetable: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिले में एक बार फिर सबसे महंगी सब्जी दिखाई देने लगी है, जो महज कुछ ही घंटों में बिक जाती है. मात्र एक महीने तक मिलने वाली इस सब्जी का रेट फिलहाल आसमान छू रहा है. एक हफ्ते पहले तक 16 सौ रुपये किलो में बिकने वाली बोड़ा सब्जी (Boda Vegetable) ने फिलहाल थोड़ी राहत दी है. वर्तमान में इसका भाव 12 सौ रुपये प्रति किलो चल रहा है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर यह बोड़ा सब्जी इतनी महंगी क्यों है.

उपज को लेकर ये है मान्यता

जंगल में रहने वाले और इसे निकालने वालों की मान्यता है कि जितनी जोर से बादल गरजता है, उतनी ही बोड़ा की पैदावार होती है. पहली बारिश के साथ ही घने जंगलों में मिलने वाला बोड़ा केवल एक माह तक ही मिलता है. इस लिए इसकी डिमांड भी बहुत ज्यादा होती है. लोग हाथों हाथ इसे खरीद रहे है. राजधानी से आने वाले अधिकतर व्यापारी, अधिकारी तो इसे लेते ही, बल्कि नागपुर-बिलासपुर जैसे शहरों के लोग भी इसे मुहमांगी कीमत में खरीदने आते है. 

बाजार में आ गई है बोड़ा

बाजार में आ गई है बोड़ा

स्थानीय सब्जी है सरई बोड़ा 

बाजार में सरई बोड़ा की इतनी अधिक कीमत भी लोगों को कभी हैरान नहीं करती है. यह सब्जी छत्तीसगढ़ के वन ग्रामों में पाई जाती है और उसकी मांसाहारी स्वाद की खोज में लोग इसे खाने के लिए तैयार होते हैं. खास बात यह है कि इस फसल की कीमत राजधानी के बाजार में दो हजार से तीन हजार रुपये प्रति किलो तक जा सकती है, जबकि गांवों में इसका दाम पांच सौ से एक हजार रुपये प्रति किलो तक हो सकता है.

ऐसे हुई थी बोड़ा की खोज

इसकी खोज पूरी तरह से जंगलों में रहने वाले आदिवासियों ने की थी. इसे वैज्ञानिक भाषा में 'शोरिया रोबुस्टा' कहा जाता है और इसके संबंध में अधिकांश लोग अनजान हैं. यह सब्जी अपनी अनूठी उपज के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, और खनिज तत्वों की अच्छी मात्रा होती है. इसकी मांसाहारी प्राकृतिकता और पोषण से भरी गुणवत्ता के कारण लोग इसे अपने डाइट में शामिल करना चाहते है. 

हजारों रुपये किलो की है किमत

हजारों रुपये किलो की है कीमत

ऐसे उगती है बोड़ा 

बारिश के मौसम के दिनों में यह खास सब्जी फंगस वृक्षों के नीचे पाई जाने वाली साल के अवशेषों से उत्पन्न होता है. यहां तक ​​कि इसका नाम भी वन ग्राम के पेड़ के नीचे मिट्टी में छोटी गोलियों के आकार के लिए बनाया गया है, जिसे स्थानीय भाषा में 'बोड़ा' कहा जाता है. इस फंगस की खोज और उसके संबंध में स्थानीय जनजातियों की अद्वितीय ज्ञान और अनुभव ने इसे विशेष बना दिया.

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इन पोषणों से है भरपूर

बोड़ा के अंदर कई तरह के पोषक तत्वों की भरमार होती है. बोड़ा के अंदर प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. डाइटीशियन अक्सर वजन संतुलित रखने के लिए बोड़ा के इस्तेमाल की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें कैलोरी काफी कम होती है. बोड़ा में विटामिन डी, प्रोटीन, फाइबर, सेलेनियम, पोटेशियम एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. बोड़ा प्रोटीन का काफी अच्छा स्रोत है.

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