
Chhattisgarh liquor Scam: छत्तीसगढ़ में हुए 2,500 करोड़ रुपए से अधिक के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक नया खुलासा किया है. ED का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel,) के बेटे चैतन्य बघेल इस पूरे खेल के 'मास्टरमाइंड' हैं. ED ने सोमवार को कोर्ट में अपनी चौथी चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कहा गया है कि चैतन्य (Chaitanya Baghel) ने ही घोटाले से कमाए 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा के पैसों को ठिकाने लगाया है. ED का आरोप है कि चैतन्य जानबूझकर इस काले धन को छुपाने और इस्तेमाल करने में लगे थे. मुख्यमंत्री का बेटा होने की वजह से उनकी चलती थी, और वो सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि पूरे रैकेट को चला भी रहे थे.
ED ने दावा किया- रियल एस्टेट में पैसे को खपाया
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि चैतन्य ही वह शख्स थे, जिन्हें घोटाले का पैसा मिल रहा था. उन्होंने इस पैसे को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया. ED ने दावा किया है कि इस घोटाले के एक आरोपी लक्ष्मी नारायण बंसल ने एजेंसी को बताया कि वह चैतन्य के साथ मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा का हिसाब-किताब देख रहे थे. बंसल के मुताबिक, चैतन्य के कहने पर ही कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल को ढेर सारा कैश दिया गया था.
बघेल परिवार पर सीधा आरोप
ED के मुताबिक बंसल ने अपने बयान में बताया कि वह भूपेश बघेल को 25 साल से जानते हैं. एक बार रायपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास पर भूपेश बघेल ने उन्हें खुद बताया था कि अनवर ढेबर उन्हें 'सामान' (नकदी के लिए कोड वर्ड) भेजेंगे, जिसे रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचाना होगा. ईडी ने चार्जशीट में यह भी बताया कि चैतन्य ने अपनी रियल एस्टेट परियोजना 'विट्ठल ग्रीन' में 18.90 करोड़ रुपए और अपनी फर्म 'मेसर्स बघेल डेवलपर्स एंड एसोसिएट्स' में 3.10 करोड़ रुपए की आपराधिक कमाई का उपयोग किया है.
क्या है यह पूरा शराब घोटाला?
ED के आरोपों के मुताबिक यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी. इसी मामले में चैतन्य को बीते 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. ED अब तक इस केस में चार और चार्जशीट जमा कर चुकी है. ED का दावा है कि इस घोटाले से सरकार को भारी नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों की जेबें भर गईं. इस रैकेट को चलाने के लिए पूर्व IAS अनिल टुटेजा और बिजनेसमैन अनवर ढेबर को भी आरोपी बनाया गया है.
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