Chhattisgarh Dog Bite Cases: छत्तीसगढ़ में आवारा कुत्तों के काटने के मामले अब डराने लगे हैं. स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पिछले 11 महीनों में राज्य के भीतर 1 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग डॉग बाइट का शिकार हुए हैं. जनवरी से नवंबर 2025 के बीच कुल 1 लाख 60 हजार 540 ऐसे मामले सामने आए जिनका इलाज सरकारी अस्पतालों में किया गया. राहत की बात यह है कि समय पर अस्पताल पहुंचने की वजह से इन लोगों की जान बचा ली गई है.
सरकारी अस्पतालों में भारी भीड़
पशुओं के काटने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है. आंकड़ों के मुताबिक, अस्पताल पहुंचे मरीजों में से 86 हजार 849 लोगों को मांसपेषियों (IM) और 73 हजार 691 लोगों को त्वचा (ID) के जरिए एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं. सरकार ने साफ किया है कि सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ये इंजेक्शन बिल्कुल मुफ्त मिल रहे हैं, ताकि किसी को भी इलाज के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े.
रेबीज मतलब पक्की मौत
डॉक्टरों का कहना है कि लोग अक्सर कुत्ते या बिल्ली के खरोंचने को छोटी बात मानकर छोड़ देते हैं, लेकिन यही लापरवाही जान पर भारी पड़ती है. रेबीज एक ऐसी बीमारी है जिसका असर शुरू होने के बाद इलाज मुमकिन नहीं है और मौत निश्चित होती है. लेकिन अगर सही समय पर टीका लगवा लिया जाए, तो इस खतरे को पूरी तरह टाला जा सकता है. इसी खतरे को देखते हुए अब हर जिले में आवारा जानवरों की निगरानी के लिए खास अफसर तैनात किए गए हैं.
घरेलू नुस्खों से बचें
आज के दौर में भी कई लोग कुत्तों के काटने पर अस्पताल जाने के बजाय झाड़-फूंक, मिर्ची, हल्दी या तेल लगाने जैसे नुस्खों में फंस जाते हैं. इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने लोगों से अपील की है कि वे इन अंधविश्वासों से दूर रहें. उन्होंने सलाह दी है कि जैसे ही कोई जानवर काटे, सबसे पहले उस जगह को साफ पानी और साबुन से कम से कम 15 मिनट तक धोएं. इसके तुरंत बाद बिना देरी किए डॉक्टर के पास पहुंचें और अपना टीकाकरण शुरू करवाएं.
पालतू जानवरों का रखें ख्याल
सिर्फ आवारा कुत्ते ही नहीं, बल्कि घर में पाले गए कुत्तों और बिल्लियों से भी सावधान रहने की जरूरत है. मंत्री ने कहा है कि अगर आपने घर में कोई जानवर पाला है, तो उसका समय पर वैक्सीनेशन जरूर करवाएं. इससे न केवल आपका परिवार बल्कि पूरा समाज सुरक्षित रहेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया है कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में रेबीज से एक भी जान न जाए, क्योंकि सही जानकारी और सही समय पर इलाज ही इस बीमारी का एकमात्र समाधान है.
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