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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: जेल में ही रहेंगे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे, चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड बढ़ी 

छत्तीसगढ़ liquor scam मामले में पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे Chaitanya Baghel की judicial custody 12 नवंबर तक बढ़ी. PMLA court ने उनकी bail याचिका खारिज कर दी. ED का आरोप है कि 2000 crore के इस liquor scam में money laundering और shell companies का इस्तेमाल हुआ.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: जेल में ही रहेंगे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे, चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड बढ़ी 

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को फिलहाल जेल से बाहर आने का कोई मौका नहीं मिला है. रायपुर की विशेष PMLA अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए न्यायिक हिरासत 12 नवंबर तक बढ़ा दी है. यह फैसला ऐसे समय आया है, जब मामले को लेकर राज्य की राजनीति एक बार फिर गर्म है.

ईडी का क्या है आरोप? 

चैतन्य बघेल 18 जुलाई से न्यायिक हिरासत में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबार से जुड़ी अवैध कमाई को शेल कंपनियों और रियल एस्टेट निवेशों के जरिए सफेद धन में बदलने की कोशिश की. ईडी का दावा है कि पूरा घोटाला करीब 2,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें राजनेताओं, अफसरों और निजी कंपनियों की मिलीभगत सामने आई है.

ईडी ने कहा- जांच अभी अधूरी 

29 अक्टूबर को रिमांड काल खत्म होने पर चैतन्य को अदालत में पेश किया गया. ईडी ने जांच अधूरी होने का हवाला देकर रिमांड बढ़ाने की मांग की. कोर्ट ने माना कि अभी कई महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन की जांच बाकी है और इस चरण में रिहाई जांच को प्रभावित कर सकती है. इसलिए जमानत याचिका को सीधे खारिज कर दिया गया.

केस राजनीतिक बदले की भावना से तैयार किया

चैतन्य की कानूनी टीम का कहना है कि यह पूरा केस राजनीतिक बदले की भावना से तैयार किया गया है और अब तक कोई ठोस सबूत ऐसा पेश नहीं हुआ, जो मनी ट्रेल में उनकी सीधी भूमिका साबित करे. हालांकि अदालत ने फिलहाल इस तर्क को मानते हुए भी रिहाई देने से इनकार किया और जांच को प्राथमिकता दी.

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सह-अभियुक्तों को भी राहत नहीं

सिर्फ चैतन्य बघेल ही नहीं, इसी केस से जुड़े निरंजन दास को भी उसी दिन कोर्ट में पेश किया गया. लेकिन उन्हें भी किसी प्रकार की राहत नहीं मिली. अदालत ने साफ कहा कि इस समय किसी भी आरोपी को लचीलापन देना उचित नहीं होगा.

राजनीति में बढ़ी हलचल

इधर, इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है. भाजपा ने इसे कांग्रेस शासनकाल का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला बताया, जबकि कांग्रेस ने ईडी पर केंद्रीय सरकार के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया. जांच जारी है, और इसे फिलहाल राज्य के सबसे बड़े फाइनेंशियल स्कैम के तौर पर देखा जा रहा है.

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