CG Doge Bite cases- छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में इन दिनों कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. एक के बाद एक लगातार हो रही घटनाओं ने लोगों में डर पैदा कर दिया है. आवारा कुत्ते खासकर बच्चों को अपना निशाना बना रहे हैं, जिसके बाद लोगों में आवारा कुत्तों को लेकर चिंता बढ़ गई है. इसके साथ ही निगम की ओर से इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं करने को लेकर भी लोगों में नाराजगी है. हालांकि पशु चिकित्सक इस मामले को गंभीर बताते हुए सतर्क रहने की बात कह रहे हैं.
दरअसल, अंबिकापुर के सत्तीपारा मोहल्ले में एक छोटे बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया, हालांकि मौके पर मौजूद लोगों की तत्परता के कारण बच्चे को बचा लिया गया. दूसरी ओर नगर निगम और जिला प्रशासन पर आरोप लग रहे हैं कि ऐसी घटनाओं के बावजूद उनकी ओर से अब तक उचित और ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
पांच से दस लोग हर दिन पहुंच रहे अस्पताल
एक अनुमान के मुताबिक, कुत्ते के हमले से चोटिल होने वाले पांच से दस लोग हर दिन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो अंबिकापुर में जनवरी महीने में 257, फरवरी में 240, मार्च में 26, अप्रैल में 251, मई में 251, जून में 238, जुलाई में 216, अगस्त में 22 सितंबर में 190 मामले सामने आ चुके हैं.
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ सीके मिश्रा ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि शहर में लगातार आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से वायरल जनित रोग रेबिज होता है. ऐसे में समय से इसका टीका लगाना अत्यंत आवश्यक होता है. उन्होंने बताया कि एक बार किसी को रेबिज हो जाता है, तो उसका इलाज नहीं है.
नगर निगम पर लोगों की नाराजगी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि आवारा कुत्तों की समस्या लंबे समय से बरकरार रहने और लगातार बढ़ रही उनकी जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए अब तक न तो नगर निगम का ही कोई प्रयास नजर आया है और न ही पशु चिकित्सा विभाग द्वारा ही इस दिशा में किसी तरह की पहल नजर आई है.
जिला मुख्यालय अम्बिकापुर शहर के हर चौक चौराहों, गली, मोहल्लों में आवारा कुत्तों का जमघट हर समय देखा जा सकता है. सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले कई छोटे बच्चे भी इन कुत्तों के हमलों से चोटिल हो चुके हैं. ऐसे में आम परिजनों में आवारा कुत्तों को लेकर असुरक्षा की भावना काफी बड़ी है. इन आवारा कुत्तों के हमले की घटना भी लगातार बढ़ रही है.
क्या बोले महापौर?
नगर निगम द्वारा पांच साल पूर्व आवारा कुत्तों की जनसंख्या में कमी लाने के लिए आवारा कुत्तों के बधियाकरण कराने का संकल्प भी पारित किया गया था, लेकिन नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसका फाइल आगे बढ़ाए जाने के बाद तत्कालीन निगम महापौर डॉ अजय तिर्की ने फंड का अभाव बताकर इसे पेंडिंग में डाल दिया था. अजय तिर्की ने कहा कि सरकार को इसे लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश देना चाहिए, पद मुहैया कराना चाहिए और ठोस कदम उठाना चाहिए. उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों के हमले की शिकायत आ रही है. हमने इसके निराकरण के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा भी है.
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