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छत्तीसगढ़ का फोर्टिफाइड चावल पहुंचा पापुआ न्यू गिनी, ‘धान का कटोरा’ कैसे बना पोषण का केंद्र?

Chhattisgarh Rice ने भारत के Global Nutrition Trade में नई उड़ान भरी है. APEDA Export की पहल पर राज्य से 20 Metric Ton Fortified Rice की खेप Papua New Guinea भेजी गई है. ‘Paddy Bowl of India’ कहलाने वाला Chhattisgarh अब केवल धान उत्पादन का केंद्र नहीं, बल्कि Nutrition-Oriented Food Export का नया हब बन रहा है.

छत्तीसगढ़ का फोर्टिफाइड चावल पहुंचा पापुआ न्यू गिनी, ‘धान का कटोरा’ कैसे बना पोषण का केंद्र?

Chhattisgarh Rice Export: भारत ने वैश्विक पोषण व्यापार में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की पहल पर छत्तीसगढ़ से पापुआ न्यू गिनी को 20 मीट्रिक टन फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से युक्त) चावल का निर्यात किया गया है. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह खेप बुधवार (5 नवंबर) को रवाना की गई, जो भारत के पोषण-केंद्रित कृषि उत्पादों की वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने यह जानकारी अपने सोशल मीड‍िया अकाउंट पर शेयर की है. 

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धान के कटोरे से पोषण के कटोरे तक

धान के कटोरे (Dhan Ka Katora) के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ अब सिर्फ चावल उत्पादन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह पोषक चावल (Fortified Rice) के रूप में दुनिया के स्वास्थ्य और पोषण मिशन में अपनी भूमिका निभा रहा है. राज्य के किसानों, मिलर्स और निर्यातकों के प्रयासों से छत्तीसगढ़ अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में “गुणवत्ता और भरोसे” का प्रतीक बनता जा रहा है. 

एपीडा की बड़ी उपलब्धि

एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने रायपुर स्थित स्पॉन्ज एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और इस पहल से जुड़े सभी हितधारकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह निर्यात भारत की उस क्षमता को दर्शाता है, जिसके माध्यम से देश अब विश्व उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता, वैज्ञानिक दृष्टि से तैयार और पोषण-आधारित खाद्य समाधान दे रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि एपीडा निर्यातकों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, क्षमता निर्माण, मूल्य श्रृंखला विकास और वैश्विक बाजारों से रणनीतिक जुड़ाव जैसे क्षेत्रों में निरंतर सुधार पर काम कर रहा है, ताकि भारत की कृषि-व्यापार में स्थिति और मजबूत हो.

छत्तीसगढ़ राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन का आभार

छत्तीसगढ़ राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (TREA-CG) के अध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा कि एपीडा के सहयोग से अब राज्य के फोर्टिफाइड चावल को नए वैश्विक बाजारों में पहचान मिल रही है. उन्होंने कहा कि यह सफलता भारत की गुणवत्ता और आपूर्ति विश्वसनीयता पर अंतरराष्ट्रीय भरोसे का प्रमाण है.

क्या है फोर्टिफाइड चावल?

फोर्टिफाइड चावल असल में सामान्य चावल के साथ पोषक तत्वों जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 से भरपूर “कृत्रिम चावल कणों” को मिलाकर तैयार किया जाता है. इन कणों को चावल के आटे और पोषक तत्वों को मिलाकर विशेष मशीनों से तैयार किया जाता है. यह प्रक्रिया भारत की खाद्य तकनीक में दक्षता और वैश्विक पोषण सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.  

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