NDTV Exclusive Interview : छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका एक बार फिर से नक्सल मामले को लेकर सुर्ख़ियों में है क्योंकि यहां हुआ है देश का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर. इस एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने एक ही जगह पर 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. इससे पहले महाराष्ट्र के गढचिरौली में हुए एनकाउंटर में 27 नक्सली मारे गए थे. बहरहाल तीन महीने के अंदर ही बस्तर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर 103 नक्सलियों को मार गिराया है. ये नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा चलाए गए अभियान की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. इसी मसले को लेकर NDTV ने बात की बस्तर रेंज के IG पी सुंदरराज से. इन्हीं के नेतृत्व में सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन चला रहे हैं. इनके नेतृत्व में 3 सालों में 100 से ज्यादा नक्सली ढेर हो चुके हैं. हमने उनसे बातचीत करके जाना कि नक्सलियों के खिलाफ मुहिम में कौन सी रणनीति काम कर रही है, हम कहां चूक कर रहे हैं और कहां सफल हो रहे हैं ?
सवाल- नक्सलियों के खिलाफ पहली बार TCOC में सफलता मिल रही है. इस बार क्या कुछ बदलाव हुआ है ?
जवाब- नक्सल अभियान में जब भी नुकसान हुआ तो हमने हमारी चूक, कमियां ढूंढी. उसे दूर करने की कोशिश की. बस्तर में तैनात CRPF, BSF सहित अन्य फोर्सेज़ के साथ समन्वय के अभाव की बात आती थी, जिसे दूर किया गया गया. जवानों को लगातार ब्रीफ किया, उन्हें अभियान की सफलता के टिप्स बताए, स्पेशल ट्रेनिंग दी गई. इसी का नतीजा है इस बार नक्सलियों की किसी भी चाल का हम शिकार नहीं हुए.
सवाल-कांकेर और बीजापुर इलाके में बड़ी सफलता मिली है, नक्सलियों के टॉप लीडर्स ढेर हुए हैं, किस तरह से ये ऑपरेशन लांच हुए थे?
जवाब- हम समय- समय पर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन लांच करते हैं. इससे पहले भी टॉप लीडर्स के मीटिंग की सूचना मिलती रही है, लेकिन मुठभेड़ में वे भाग जाते हैं. इस बार हमने उन्हें घेरने की पूरी तैयारी कर ली थी. क्षेत्र में तैनात अन्य फोर्सेज के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया. जवानों ने पूरी बहादुरी से नक्सलियों का मुकाबला किया. जिसमें हम सफल हुए हैं.
सवाल- नक्सली आधार वाले इलाके छोड़कर भाग रहे हैं? ऐसा है तो वे किन जगहों में जा सकते हैं ?
जवाब-जिन इलाकों में नक्सलियों पर फ़ोर्स भारी पड़ रही है निश्चित है, नक्सली ऐसे इलाके छोड़ कर सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं. अपने आसपास के दूसरे आधार वाले क्षेत्रों में जा रहे हैं.
सवाल-क्या बस्तर में नक्सलवाद कमज़ोर हुआ है?
जवाब-हां, बस्तर के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां नक्सलवाद की जड़ें कमज़ोर पड़ी हैं. इनमें से दरभा डिवीजन एक है.
सवाल-नक्सलियों के सप्लाई नेटवर्क पर कितना असर पड़ा है?
जवाब-नक्सलियों के आधार वाले इलाके में सुरक्षा बलों की पहुंच हो रही है. बस्तर में जगह-जगह कैम्प खुल रहे हैं. जवान लगातार नजर बनाए रखे हैं. नक्सलियों के सप्लाई चेन पर असर हुआ है. उन तक ज़रूरत के सामान नहीं पहुंच रहे हैं.
सवाल- गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के सफाया का दावा किया है, क्या इस साल बस्तर से नक्सलियों का सफाया तय है?
जवाब-नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं. इस साल के अंत तक नक्सलवाद कमज़ोर पड़ेगा. आने वाले 2 सालों में बस्तर से नक्सलियों का सफाया निश्चित है.
सवाल- लोकसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारियां है?
जवाब-बस्तर में 60000 सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. जिस तरह से नक्सलियों पर कार्रवाई हो रही है, वे बौखलाहट में घटना को अंजाम दे सकते हैं. सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है. विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होगा.
सवाल-नक्सली अपने साथियों की मौत का बदला लेने के लिए बड़ी घटना को अंजाम देते हैं? ऐसे में कितनी सतर्कता है ?
जवाब-पूरे बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों को सतर्क रहने को कहा गया है. नक्सलियों की योजना को नाकाम करने जवान पूरी तरह तैयार हैं.
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