Chhath Puja 2023: छठ पूजा (Chhath Puja) की शुरुआत नहाय खाय (Nahay Khay) की परंपरा से होती है. उसके बाद खरना, संध्या अर्घ्य और चौथे दिन अर्घ्य दिया जाता है. इससे ही छठ के पर्व का समापन होता है. देशभर में छठ के महापर्व का आज समापन हो गया. तीन दिन के इस त्योहार के आखिरी दिन महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया.
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छठ पूजा (Chhath Puja) में सूर्य भगवान और माता छठी की पूजा की जाती है. छठ पर्व में महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं. इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. छठ का पर्व साल में दो बार आता है.
छठ की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ हुई थी. छठ का ये पर्व संतान की सुख समृद्धि, अच्छे सौभाग्य और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है. साथ ही यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भी रखा जाता है.
छठ का धार्मिक महत्व
ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है. दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है.
साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है. इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है.
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