
Child Marriage: लोग चाहे कितनी भी आधुनिक बातें कर लें लेकिनआज भी देश के कई हिस्से रूढ़िवादी परंपराओं में जकड़े हुए हैं. इन्हीं में से एक है बाल विवाह! भारत में शादी करने के लिए कानूनी रूप से लड़की की उम्र 18 साल तय की गई है... जबकि शादी करने के लिए एक लड़के की उम्र 21 साल होनी ज़रूरी है. लेकिन आज भी देश के कई इलाकों में कम उम्र में बच्चों की शादी करवा दी जाती है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) ज़िले से निकल कर सामने आया है. जहां पर पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) की टीम ने ऐन मौके पर पहुंच कर एक बाल-विवाह को रुकवाया और परिवार वालों को समझाइश दी.
लड़की की उम्र निकली 15 साल
दरअसल, घटना बलरामपुर (Balrampur) जिले के राजपुर (Rajpur) थाना के ग्राम ओकरा (Okra) की है. जहां पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ICPS की टीम ने मिलकर आज एक बाल विवाह को रुकवाया. लड़की की उम्र महज 15 साल थी.... और लुंड्रा से उसकी बारात आने वाली थी. मौके पर पहुंची टीम ने परिजनों और ग्रामीणों को शादी नहीं करने की समझाईश दी है. किसी अनजान शख्स से बाल-विवाह की खबर मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास की टीम मौके पर पहुंचीं. फिर लड़की के घर जाकर उसके जन्म से जुड़े कागज़ देखे....तो पता चला कि लड़की की उम्र सिर्फ 15 साल है. इसके बाद जांच टीम ने मर्ग कायम करते हुए परिवार वालों को समझाइश दी और ऐसा ना करने की हिदायत दी. साथ ही जबरन शादी करने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी.
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मालूम हो कि सरकार बाल विवाह जैसी कुप्रथा की रोकथाम के लिए कई तरह की पहल कर रही है. लोगों में जागरूकता भी फैलाई जा रही है और उन्हें बताया जा रहा है कि बाल विवाह समाज के लिए किसी अभीशाप से कम नहीं है. समाज में इसके कई तरह के बुरे असर पड़ते हैं. इसी के तहत आज जिले के ओरका गांव में एक लड़की की मंडप कल सजने वाली थी और शादी का कार्ड भी रिश्तेदारों समेत सब तरफ बंट गया था और 5 मार्च को नाबालिक लडकी के घर सरगुजा जिले के लुंड्रा से बारात पहुंचने वाली थी... लेकिन पुलिस और महिला व बाल-विकास की टीम ने मौके पर पहुंचकर एक नाबालिग बच्ची की शादी रुकवाई.
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