CGBSE CG Board Exam 10th 12th Results 2024: छत्तीसगढ़ के जिला व ब्लाॅक मुख्यालयों समेत विभिन्न चुनिंदा स्कूलों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (Swami Atmanand English Medium school) में तब्दील किया गया है. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (Chhattisgarh Board of Secondary Education) रायपुर द्वारा जारी रिजल्ट का आकलन करें तो एक बार फिर इन स्कूलों ने अपनी सार्थकता साबित की है. कक्षा 10वीं में 59 बच्चे टॉप 10 सूची में हैं, जिनमें से 21 स्टूडेंट इन्हीं स्कूलों से है. इसी तरह कक्षा 12वीं के 20 टॉपर्स में से 7 बच्चे इन स्कूलों के पढ़ने वाले हैं. यानी कुल 79 टॉपर्स में से 28 बच्चे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों से हैं. इस स्कूल को भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की कांग्रेस (Congress) सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है. वहीं सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर इसका नाम बदलने और कंट्रोल को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कुल मिलाकर सत्ता के खिलाड़ी इस पर बवाल काट रहे हैं लेकिन यहां के परीक्षा परिणाम बेमिसाल हैं और इसी उपलब्धि का हवाला देकर कांग्रेस नेता भी सवाल उठा रहे हैं और बीजेपी सरकार द्वारा इनकी अनदेखी करने की बात कह रहे हैं.
पहले देखिए ये आंकड़े :
* कक्षा 10वीं में कुल 59 छात्र टॉप-10 में रहे तो कक्षा 12वीं में 20 छात्रों ने टॉप-10 में जगह बनाई है.
* 12वीं के टॉपर्स में से 7 और 10वीं के टापर्स में से 21 छात्र-छात्राएं स्वामी आत्मानंद स्कूल के हैं.
* कक्षा 10वीं परीक्षा परिणाम 75.61 प्रतिशत रहा. कुल 3 लाख 42 हजार 511 ने परीक्षा दी थी.
* कक्षा 12वीं में रिजल्ट 81 फीसद रहा. इस साल कुल 2 लाख 58 हजार 704 छात्रों ने परीक्षा दी है.
कौन थे स्वामी आत्मानन्द?
हम सभी ने एक तस्तीवर देखी होगी जिसमें महात्मा गांधी के आगे-आगे उनकी छड़ी का एक सिरा पकड़कर चलते हुए एक बच्चे की दिख रहा था. इस तस्वीर में दिख रहे बच्चे का नाम रामेश्वर था, जिसे तुलेंद्र वर्मा के नाम से भी जाना जाता है, जो बाद में सबसे सम्मानित संतों में से एक, स्वामी आत्मानंद बन गए. महान स्वामी आत्मानंद के बारे में कहा जाता है कि इन्होंने छत्तीसगढ़ में मानवता की सेवा में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था. उन्होंने निस्वार्थ रूप से अपना जीवन आदिवासी लोगों के लिए समर्पित कर दिया है, उन्होंने युवा मन में ज्ञान की लौ जलाई और उन्हें करुणा और समाज की सेवा के बारे में सिखाया.
कब शुरु हुई थी ये योजना?
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना 1 नवंबर 2020 को शुरू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है. वर्तमान में 750 से ज्यादा स्कूल शुरू किए गए हैं जिनमें पुस्तकालय, अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब (Computer Lab), विज्ञान प्रयोगशाला जैसे अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों की एक उच्च प्रशिक्षित टीम है जो बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करती है तथा बच्चों के आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है.
CG Model - Swami Atmanand Government English School#cgmodel #cgeducation pic.twitter.com/PQeca7MdVu
— Arpit Kesharwani NSUI (@ArpitKesharwa18) January 23, 2022
कांग्रेस ने कलेक्टरों को दिया था जिम्मा
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना रही है. साथ ही इन स्कूलों के संचालन के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी. मसलन इनका संचालन शिक्षा विभाग से हटाकर कलेक्टरों की कमेटियों को सौंपा गया. फंड के लिए डीएमएफ का उपयोग करने के साथ ही आरक्षण हटाकर योग्यता के आधार पर संविदा पदों पर नियुक्ति की गई. वहीं शासकीय शिक्षकों को उनके च्वाइस के मुताबिक यहां कार्य करने का अवसर दिया था.
बच्चों के फोन आ रहे हैं. कह रहे हैं कि जब हमने 10 वीं टॉप किया था तब आपने हैलिकॉप्टर राइड करायी थी, अब 12 वीं में भी टॉप किया है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 9, 2024
मुझे संतोष है कि बारहवीं में 7 बच्चे टॉप 10 में जबकि दसवीं में 21 बच्चे टॉप 10 में स्वामी आत्मानंद स्कूलों से हैं.
सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की…
हमने टॉपर्स को हेलिकॉप्टर राइड करवायी : बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर कहा है कि बच्चों के फोन आ रहे हैं. कह रहे हैं कि जब हमने 10 वीं टॉप किया था तब आपने हेलिकॉप्टर राइड करायी थी, अब 12 वीं में भी टॉप किया है. मुझे संतोष है कि 12वीं में 7 बच्चे टॉप 10 में जबकि 10वीं में 21 बच्चे टॉप 10 में स्वामी आत्मानंद स्कूलों से हैं. सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं.
बीजेपी छोड़े संकुचित मानसिकता : कांग्रेस
वहीं परीक्षा परिणाम आने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों ने एक बार फिर अपनी सार्थकता साबित की है. लेकिन, बीजेपी सरकार अपनी संकुचित मानसिकता के चलते इन पर राजनीति कर रही है. इन स्कूलों को बंद कर देना चाहती है. नाम बदलकर प्रदेश के महापुरुष का अपमान करने की कोशिश कर रही है.
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