
Latest Chhattisgarh News : पेंड्रा नगर के सबसे बड़े बांधा तालाब में जलकुंभी एवं गंदगी के प्रकोप के कारण तालाब निस्तार योग्य नहीं रह गया है. लगभग 17 एकड़ में फैले बांधा तालाब से सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई होती थी और पूरा गांव इस तालाब में निस्तारी करता था, लेकिन कभी साफ पानी का प्रमुख स्रोत रहा बांधा तालाब अब अपने अस्तित्व का संकट झेल रहा है. पेंड्रा नगर के पुरानी बस्ती स्थित राजमहल के पीछे बांधा तालाब की दुर्दशा देखी नहीं जाती. आलम यह है कि इस पूरे तालाब में जलकुंभी का प्रकोप छाया हुआ है, पूरे तालाब में गंदगी ही गंदगी है. शाम को तालाब को देखने पर ऐसा लगता है यह तालाब नहीं खेल का मैदान है.
सड़क तो ठीक हुई लेकिन तालाब...
बांधा तालाब के मेढ से होकर जो सड़क जाती है वह नए बस स्टैंड पेंड्रा को पुरानी बस्ती एवं बचरवार की बड़ी आबादी को जोड़ती है. इस सड़क का नवनिर्माण नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश जालान के विशेष प्रयास से हुआ है, परंतु बांधा तालाब की दुर्दशा चरम पर है.
क्यों इसे बचाया जाना है जरूरी?
17 एकड़ में फैले बांधा तालाब के चारों ओर कई तालाब हैं, जो इस स्थान को खूबसूरत बनाते हैं. सुबह-शाम यहां की रौनक देखते बनती है सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय लोग समय बिताने यहां आना चाहते हैं. यहां पर तालाब की अधिक संख्या होने के कारण विशेष रूप से ठंडक होती है. पास ही मुक्तिधाम स्थित है जहां नगर के रचनात्मक युवाओं ने मुक्तिधाम विकास समिति बनाकर मुक्तिधाम को सजाया हुआ है. मुक्तिधाम से सटे होने के कारण इन तालाबों में अमृत कर्म करने के पश्चात लोग शुद्धिकरण एवं स्नान के लिए आते हैं परंतु लगातार तालाब की दुर्दशा को देखकर लोग अब यहां नहाना पसंद नहीं करते. ऐसे में अब जरूरी है कि इस सरोवर को बचाया जाए तथा इसे खूबसूरत बनाने के लिए नगर पंचायत पेंड्रा आगे आए.
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