
Bilasa Devi Kevat Airport: बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. यह सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस राजेन्द्र चंद्र सिंह सामंत की डिवीजन बेंच में हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और तल्ख टिप्पणियां कीं. बता दें कि बिलासपुर संभाग का यह एकमात्र एयरपोर्ट है, जिसकी सीमित सुविधाओं के कारण न केवल उड़ानें बाधित रहती हैं बल्कि नाइट लैंडिंग जैसी मूलभूत सुविधाएं भी अब तक शुरू नहीं हो सकी हैं. जनहित याचिका में यह मांग की गई है कि इस एयरपोर्ट को पूरी तरह विकसित कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाए.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट रूप से पूछा, “क्या आप नहीं चाहते कि बिलासपुर में एयरपोर्ट का निर्माण और विस्तार हो? आपकी ओर से कोई ठोस प्रयास नजर नहीं आ रहा है.” कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद राज्य सरकार की ओर से मौजूद अधिकारियों को जवाब देने में असहजता का सामना करना पड़ा.
इस संदर्भ में कोर्ट ने केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत कर विस्तार से जवाब दें कि अब तक मुआवजा व भूमि हस्तांतरण को लेकर क्या प्रगति हुई है.
राज्य सरकार से मांगी गई रिपोर्ट
साथ ही, राज्य सरकार के मुख्य सचिव से भी एयरपोर्ट के नाइट लैंडिंग, रनवे विस्तार व अन्य आवश्यक अधोसंरचना के विकास कार्यों की अद्यतन स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गई है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को अगले 8 सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. अगली सुनवाई की तारीख 6 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है.
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