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This Article is From Apr 12, 2024

सावधान! खेलते वक्त बच्चे ने खाई इमली, फेफड़ों में फंसा बीज, ऑपरेशन कर डॉक्टर ने ऐसे बचाई जान

Ambikapur News: ICU में भर्ती करने के बाद चिकित्सकों ने टीम (Doctors Team) गठित कर उसका ऑपरेशन किया गया. लगभग 1 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्चों के फेफड़ों से इमली के बीज को बाहर निकाला गया. जिसके बाद चिकित्सकों और बच्चे के परिवारवालों ने राहत की सांस ली.

सावधान! खेलते वक्त बच्चे ने खाई इमली, फेफड़ों में फंसा बीज, ऑपरेशन कर डॉक्टर ने ऐसे बचाई जान

Health News: जरा सी अनदेखी या लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है, इसका जीता जागता उदाहरण अंबिकापुर में देखने को मिला है. जहां इमली खाना एक बच्चे को इतना भारी पड़ा पड़ा कि उसे आईसीयू (ICU) में दाखिल (Admit) करना पड़ गया. क्योंकि इमली का बीज बच्चे के फेफड़े (Lungs) में जाकर फंस गया. उसके बाद 6 वर्ष के बच्चों के फेफड़ों में फंसे इमली के बीज को ऑपरेशन (Opration) करके बाहर निकाला गया और गंभीर समस्या से जूझ रहे बच्चे की जान बचाई गई.

कैसे फेफड़ों में फंसा बीज?

बच्चे की हालत अब ठीक बतायी जा रही है. बच्चे को गहन चिकित्सा कक्ष (ICU Room) में रखा गया है. यह घटना अंबिकापुर के ग्राम खलिबा की है. 6 वर्षीय शौर्य रवि अपने घर में इमली खा रहा था. इसी दौरान बच्चा ने खेल भी रहा था.

खेलते वक्त इमली का बीज बच्चे की श्वास नली में चला गया और दाएं फेफड़ों में जाकर फंस गया. इसके बाद बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. कुछ देर में बच्चों की स्थिति बिगड़ती देख परिजनों ने उसे  इलाज के लिए तत्काल मेडिकल कॉलेज (Medical College) अस्पताल (Hospital) लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर्स ने पहले उसका सीटी स्कैन (CT Scan) करवाया. सीटी स्कैन रिपोर्ट में पता चला कि बच्चे के फेफड़ों में बीच फंसा हुआ है. इसके बाद उसे तत्काल आईसीयू में भर्ती कर गया और ऑक्सीजन के सपोर्ट में रखा गया.

एक घंटे तक चला ऑपरेशन

ICU में भर्ती करने के बाद चिकित्सकों ने टीम (Doctors Team) गठित कर उसका ऑपरेशन किया गया. लगभग 1 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्चों के फेफड़ों से इमली के बीज को बाहर निकाला गया. जिसके बाद चिकित्सकों और बच्चे के परिवारवालों ने राहत की सांस ली. ऑपरेशन के बाद पीड़ित बच्चे को अभी भी आईसीयू एडमिट रखा गया है. जहां उसकी स्थिति अब सामान्य है, लेकिन चिकित्सकों की माने तो अभी भी लगभग 2 दिन बाद बच्चे को आईसीयू में रखा जाएगा. जिसके बाद ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा.

विलंब होने पर बच्चों की जान को हो सकता था खतरा

मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक (Senior Doctor of Medical College) डॉ अनुपम मिंज ने बताया कि इमली का बीज बच्चे की सांस नली के माध्यम से फेफड़े में जा फंस था. जिसके कारण बच्चे को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. चूंकि बच्चों का सांस नली एक व्यस्क व्यक्ति से काफी पतला होता है, ऐसे में परिजनों के द्वारा समय से अस्पताल पहुंचने से बच्चे को बचाया जा सका अन्यथा दिक्कत हो सकता था.

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